यदि हमें नामजपके अगले-अगले चरणका न पता हो, तो भी हम वैखरी (उच्चारण करते हुए) या मध्यमा (मानसिक जप) वाणीके जप तक ही आकर स्थिर हो जाते हैं ।नामजपका अगला स्तर है पश्यंती वाणीका नामजप । इस प्रकार हमें नामजपके अगले स्तरमें जानेका प्रयास करना चाहिए । इस हेतु नामजपको सांसके साथ जोड़ना, नामजपमें संख्यात्मकके साथ गुणात्मक वृद्धि हेतु प्रार्थनाकर, भाव वृद्धि हेतु प्रयास करना चाहिए। नामजपका अंतिम चरण है परा वाणी, इस चरणमें आनेपर नामजप बंद हो जाता है और मन निर्विचार अवस्थाका आनंद लेता है – तनुजा ठाकुर
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