दुष्कर्म प्रकरणमें ३ पादरियोंकी जमानत याचिका रद्द


जुलाई ११, २०१८

केरल उच्च न्यायालयने बुधवारको एक महिलाके बलात्कारके दोषी ३ पादरियोंकी अग्रिम जमानत याचिकाएं नकारते करते हुए कहा कि उन्होंने राक्षसों जैसा व्यवहार किया और महिलाका लाभ उठाया ! पादरियों अब्राहम वर्गीज उर्फ सोनी, जॉब मैथ्यू और जेस के. जॉर्जने केरल पुलिसकी अपराध शाखाद्वारा अभियोग करनेके पश्चात न्यायालयका द्वार खटखटाया था । अपराध शाखाने ‘मलंकारा सीरियन ऑर्थोडॉक्स’ गिरिजाघरके पांचमें से चार पादरियोंके विरुद्ध बलात्कारका अभियोग किया था, जिनमें इन तीनोंके नाम भी सम्मिलित हैं ।
न्यायमूर्ति राजा विजयराघवनने जमानत याचिकाएं नकारते करते हुये कहा कि दोषियोंके विरुद्ध गम्भीर आक्षेप लगे हैं । जांच अभी आरम्भिक चरण में है और यदि इस समय अग्रिम जमानत दे दी जाती है तो इससे जांचपर प्रतिकूल प्रभाव पडेगा । न्यायालयने कहा कि प्रथम दृष्टिमें लगता है कि अर्जी देने वालोंने राक्षसोंकी भांति व्यवहार किया । उन्होंने पीडिताकी स्थितिका लाभ उठाया । इससे पूर्व, न्यायालयने पुलिसको महिलाके पतिद्वारा दी गई यौन उत्पीडनकी परिवाद एवं प्रकरणसे सम्बन्धित अन्य लिखितपत्र प्रस्तुत करनेका आदेश दिया था ।
जमानत याचिकाओंमें पादरियोंने महिलाका यौन उत्पीडन करनेके आक्षेपोंको नकार दिया था । अपराध शाखाने महिलाका वक्तव्य लेनेके पश्चात इन पादरियोंके विरुद्ध अभियोग किया है । इन पादरियोंका आक्षेप है कि राजनीतिक लाभ लेनेके लिए कुछ निहित स्वार्थोंद्वारा दबावमें उनके विरुद्ध अभियोग किया गया है । इस महिलाके पतिने गत माह पांच पादरियोंपर आक्षेप किया था कि उन्होंने उसकी पत्नीका यौन उत्पीडन किया । ठोस साक्ष्यके अभावमें पांचवें पादरीका नाम प्राथमिकीमें सम्मिलित नहीं किया गया है ।

स्रोत : जी न्यूज



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