एक साधककी अनुभूति


सवेरेके समय बेटेको नींदमें ऐसा लगा जैसे किसी शक्तिने शरीरको जकड रखा है, और वह स्वयं दूसरे कक्षमें टहल रहा है ।वह शक्ति उसे नींदसे उठने नहीं दे रही है, ‘ॐ नमः शिवाय’का जप करनेपर भी कुछ नहीं हुआ तो उसने ‘ॐश्री गुरुदेव दत्त’का जप आरम्भ किया, धीरे-धीरे वह पकड ढीली हो गई और उसे अच्छा अनुभव होने लगा और उठ गया, उठनेके साथ ही उसके दाहिने कानमें अत्यधिक वेदना हुई और कोई ‘गर्म’ पदार्थ कानोंसे निकल गया । उसके पश्चात उसके व्यवहारमें अत्यधिक परिवर्तन आया है और स्वभाव भी शान्त हो गया है – एक साधक, देहली (०४ .१०.२०१८)

(आपके पुत्रके देहमें किसी अनिष्ट शक्तिका वास था जो साधना करनेसे निकल गई एवं इसीलिए उसके स्वभावमें भी आपको परिवर्तन दिखाई दे रहा है ।– सम्पादक )



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