अब सन्तोंद्वारा अयोध्याके साथ-साथ काशी और मथुरा भूमि मुक्तिकी मांग की !


नवम्बर २५, २०१८

अयोध्याके राम मंदिर विवादमें काशी-मथुराका भी प्रवेश हो गया है । रविवार, २५ दिसम्बरको अयोध्यामें विहिपकी धर्मसभाकी अध्यक्षता कर रहे स्वामी परमानन्द सरस्वतीने नूतन सिरेसे इसका आरम्भ कर दिया । उन्होंने मुस्लिम पक्षकारोंको आगाह किया कि राम जन्मभूमि स्वेच्छासे हिन्दुओंको दे दें । यदि अध्यादेश लाना पडा तो मथुरा-काशी और सहस्त्रों अन्य मंदिरोंके लिए भी यही प्रक्रिया आरम्भ होगी ।

धर्मसभामें राम मंदिर निर्माणके मुद्देपर सन्तोंने सरकारपर पूर्ण विश्वास दिखाया है । संत राम मंदिरके निर्णयमें देरीपर मुखर हुए, साथ ही इसमें अडचन डालने वालोंको खरी-खोटी भी सुनाई । धर्मसभाके मंचसे विहिप व संघ नेताओंने सरकारसे शीघ्रातिशीघ्र राम मंदिर बनवानेकी मांग की ।

१५ मार्च २००२ के शिलादान कार्यक्रमके पश्चात यह प्रथम अवसर था, जब अयोध्यामें किसी सभामें भारी भीड जुटी । रविवारको बडे भक्तमाल मैदानमें विश्व हिन्दू परिषदद्वारा आयोजित धर्मसभाके मंचपर धर्माचार्य और संत जुटे । संतोंने राम मंदिर प्रकरणमें न्यायालयके निर्णयमें विरोध प्रकट किया और कहा कि राजनीतिसे प्रेरित कुछ हिन्दू ही उच्चतम न्यायालयमें यह दलील दे रहे हैं कि राम मंदिरपर सुनवाई २०१९ में हो । वह नहीं चाहते हैं कि अयोध्यामें रामका भव्य मंदिर बने ।

‘आरएसएस’के सह कार्यवाह डा. कृष्णगोपालने कहा कि राम मंदिरके लिए हिन्दू किसी भी सीमा तक जा सकते हैं । संतोंका जो भी निर्णय होगा, उसे संघ मानेगा । विहिपके अन्तर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत रायने कहा कि हमें जन्मभूमिका विभाजन नहीं चाहिए । राम मंदिरके लिए सरकार आगे आए । संतोंने राम मंदिर निर्माणके लिए विश्व हिन्दू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघपर पूर्ण विश्वास प्रकट किया ।

धर्मसभामें जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्यने कहा कि सरकारमें नंबर दोके पदके मंत्रीने २३ नवम्बरको वचन दिया है कि सरकार राम मंदिर बनानेको दृढप्रतिज्ञ है । सरकार ६ दिसम्बरको ही इस दिशामें महत्वपूर्ण पग उठाने जा रही थी, लेकिन आचार संहितासे हाथ बंधे हैं । आचार संहिता ११ दिसम्बर तक लागू रहेगी । मंत्रीने विश्वास दिखाया है कि ११ दिसम्बरको निश्चित रूपसे सरकार इस सम्बन्धमें कोई बडा निर्णय करेगी । ११ दिसम्बरसे १२ जनवरीके मध्य कोई भी सांसद बाहर न जाए, यह निर्देश भी दिए गए हैं । उन्होंने यह भी कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवतने भी आश्वस्त किया है कि हम अवसर हाथसे नहीं जाने देंगे । मुझे पूर्ण विश्वास है कि सरकार राम मंदिर बनानेके लिए अध्यादेश लाएगी ।

 

स्रोत : लाइव हिन्दुस्तान



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