नवम्बर २४, २०१८
दिल्ली पुलिसकी अपराध शाखा (क्राइम ब्रांच) और बांग्लादेशी बदमाशोंके मध्य शुक्रवार, २३ नवम्बरको देर रात्रि दक्षिण पूर्व दिल्लीके तैमूर नगरमें मुठभेड हुई । गोली लगनेसे दो बदमाश चोटिल हुए, जबकि एक पुलिसकर्मीकी अभेद्य (बुलेट प्रूफ) जैकेटपर गोली लगी । चोटिल बदमाशोंको चिकित्सालयमें प्रविष्ट कराया गया है ।
जुलाईमें प्रीत विहारमें एक एएसआईको इन्होंने ही गोली मारी थी ! पुलिसने दिल्ली-एनसीआरमें डकैती और लूटपाटके १० प्रकरणमें सम्मिलित होनेका दावा किया है । अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राजीव रंजनने बताया कि पकडे गए बदमाशोंका अभिज्ञान फारुख, कबीर, जाकिर, इंदादुल और असलमके रूपमें हुआ है । इनसे तीन तमंचे, पांच कारतूस और तीन खोखे मिले हैं !
गत २६ जुलाईको ये बदमाश प्रीत विहारमें लूटपाट करने गए तो एएसआई लोकेश कुमारने एकको पकड लिया । अपने साथीको छुडानेके लिए अन्य बदमाशोंने उन्हें गोली मार दी और भाग गए । इस घटनामें सम्मिलित तीन बदमाशोंको दिल्ली पुलिसने पकड लिया था ।
उसने बताया कि इनका मुख्य फारुख है । एसीपी पंकज सिंहके नेतृत्व वाले पुलिस दलको शुक्रवार रात्रि फारुख और अन्य बदमाशोंके तैमूर नगरमें होनेकी सूचना मिली । पुलिसने घेराबंदी कर बदमाशोंको समर्पणके लिए कहा, किन्तु उन्होंने गोली चला दी !
बदमाशोंने पूछताछमें बताया कि ये राजस्थान, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश और गोवामें सौसे अधिक अपराध कर चुके हैं । ये जिस घरमें डकैती करते थे, उस परिवारकी महिलाओंसे दुष्कर्म करते थे, ताकि लज्जाके कारण वे पुलिसको परिवाद नहीं करें !
अब तककी जांचमें दिल्ली और एनसीआरमें दस घटनाएं उजागर हुई है, किन्तु किसीमें भी पीडित परिवारने दुष्कर्मकी परिवाद प्रविष्ट नहीं करवाई थी । अपराध करनेके पश्चात ये बांग्लादेश भाग जाते थे !
“ये वासनान्ध धर्मान्ध अपराधी बांग्लादेश भाग जाते थे, क्या सीमापार करना इतना सरल है ? अथवा वहां सुरक्षा है ही नहीं ? यह हमारी सम्पूर्ण व्यवस्थापर प्रश्नचिह्न है !”-सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : अमर उजाला
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