गुरु साधकका मनोलय करता है


अहंकारी व्यक्ति किसी गुरुकी शरणमें रहकर साधना नहीं कर सकता है; क्योंकि गुरु तो प्रत्येक क्षण साधकके मन और अहंपर वारकर इन दोनोंका विलय करते हैं ! अहंकारी अधिकतर मनानुसार साधना ही करता है ।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सम्बन्धित लेख


विडियो

© 2021. Vedic Upasna. All rights reserved. Origin IT Solution