गुरुग्राममें सभी ३७ स्थानोंपर ‘नमाज’के लिए मुसलमान संगठन एकजुट, हिन्दू संगठनोंने की विरोधकी घोषणा
१० दिसम्बर, २०२१
गुरुग्राममें ‘नमाज’ विवादके शान्तिपूर्ण समाधानके समाचार अन्ततः निराधार सिद्ध हुए हैं । एक बार पुनः ‘नमाज’ प्रकरणपर हिन्दू संगठन और ‘नमाजी’ आमने-सामने हैं । मुसलमान एकता मंचने सभी ३७ स्थानोंपर ( जिन्हें २०१८ में चिह्नित किया गया था) ‘नमाज’ पढनेकी घोषणा की है, वहीं हिन्दू सङ्घर्ष समितिने इसके विरोधकी घोषणा की है । इस मध्य ‘पुलिस’ने भी सभी विवादित स्थलोंपर अपनी उपस्थिति बढा दी है । साथ ही ‘कानून’के उल्लङ्घनपर कठोर कार्रवहीकी चेतावनी दी गई है ।
गत शुक्रवारको ‘सेक्टर’-३७ में सार्वजनिक स्थलोंपर ‘नमाज’का विरोध कर रहे हिन्दू संगठनके ‘दर्जन’ भर लोगोंको बन्दी भी लिया गया था । इस प्रकरणमें दिनेश ठाकुरको बन्दीगृह भी भेजा गया था, जिनको प्रतिभूति अभीतक प्रदान नहीं की गई है । दिनेश ठाकुर भारत माता वाहिनी नामका संगठन चलाते हैं और सार्वजनिक रूपसे ‘नमाज’ करनेवालोंका लम्बे समयसे विरोध कर रहे हैं । गुरुग्राममें ‘नमाज’ पढनेके लिए ५० किलोमीटर दूर मेवातसे मुसलमानोंको बुलाए जानेके साक्ष्य मिले हैं ।
यह नमाज नहीं; अपितु एक प्रकारका शक्ति प्रदर्शन है, यह सत्य सभीको समझमें आ रहा है । ‘पुलिस’ और प्रशासनका दायित्व है कि सभी सार्वजनिक स्थानोंपर ‘नमाज’ निषिद्घ करे । यदि सार्वजनिक स्थलोंपर ‘नमाज’ पढी जाती है तो प्रशासनका यह दायित्व है कि वह ‘नमाजियों’को बन्दी बनाकर दण्डात्मक कार्यवाई करे । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
स्रोत : ऑप इंडिया
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