सितम्बर ३०, २०१८
एक ओर शासन देशभरमें ‘सर्जिकल स्ट्राइक’की स्मृतिमें ‘पराक्रम पर्व’का आयोजन कर रही है, वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता और केन्द्रीय मन्त्री बीरेन्द्र सिंहने एक ऐसा वक्तव्य दिया है, जिस पर सैनिकोंके परिजनोंने कडा विरोध दिखाया है । सिंह हरियाणाके जीन्दमें एक कार्यक्रममें सम्मिलित हुए थे । यह कार्यक्रम हुतात्मा सैनिकोंकी वीरांगना पत्नियोंको सम्मानित करनेके लिए आयोजित किया गया था । कार्यक्रमके मध्य सिंहने अपने एक वक्तव्यमें कहा कि “वह हुतात्मा सैनिकोंके परिजनोंको दी जाने वाली धनराशिमें मुख्यमन्त्री से कहकर बढोत्तरी करानेका प्रयास करेंगे, क्योंकि वर्षमें प्रदेशका एकाध सैनिक ही मरता है ।”
इसपर सैनिकोंकी पत्नियों और परिजनोंने कडा विरोध किया है । परिजनोंका कहना है कि एक ओर शासन युवाओंको सेनामें भर्ती होनेके लिए प्रेरित कर रही है, वहीं दूसरी ओर नेता आपत्तिजनक बातें बोल रहे हैं ! शहीदोंके परिजनोंने कहा कि मन्त्री अपने पुत्रोंको सेनामें भर्ती करवाएं और उन्हें शहादत दिलवाएं, इसके बाद उन्हें शहादतका मूल्य ज्ञात होगा । कार्यक्रममें अन्य लोगोंने कहा कि यदि मन्त्रियोंके बोल इसी तरह बिगडे रहे, तो वह भविष्यमें सैनिकोंके लिए आयोजित होने वाले कार्यक्रमोंमें सम्मिलित नहीं होंगे !
सैनिकोंकी पत्नियोंका कहना है कि शहीदोंके सम्मानमें कार्यक्रमोंका आयोजन तो शासन करताहै, लेकिन सम्मान किसीने भी नहीं दिया ! परिजनोंको सैकडों परेशानियां उठानी पडती हैं ।
“कहां देशके लिए दीपकके तेल तकका ध्यान रखने वाले चाणक्य सदृश विद्वान और कहां ये कुछ भी बोलने वाले अहंकारी नेता ! ऐसे राजनेताओंके पुत्रोंको सीमापर भेजना चाहिए व भाजपा इनपर त्वरित कार्यवाही कर व परिजनोंसे क्षमा प्रार्थना कर उनका यथोचित सम्मान करें !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : जनसत्ता
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