‘हिजाब’ पहनना चाहते हैं तो महाविद्यालयोंकी अपेक्षा ‘मदरसों’में जाएं’, ‘भाजपा’के सांसद प्रताप सिम्हा
५ फरवरी, २०२२
कर्नाटकके मैसूरमें ‘भाजपा’के सांसद प्रताप सिम्हाने ६ फरवरीको एक संवाददाता सम्मेलनको सम्बोधित करते हुए कहा, “शरिया विधानके पक्षका समर्थन करनेवालोंको विभाजनके समय बने एक भिन्न राष्ट्रमें (पाकिस्तानमें) चले जाना चाहिए । यदि आप ‘हिजाब’, ‘बुर्का’, ‘पायजामा’ परिधान करना चाहते हैं, तो उन्हें पहनें और ‘मदरसों’में जाएं । यदि आप (मुसलमान) अपनी इच्छाके अनुसार सब कुछ चाहते हैं, तो आपको १९४७ में भिन्न हुए, दूसरे देशमें जाना चाहिए था; क्योंकि आपने यहीं रहनाका चयन किया है; अतः आपको राष्ट्रकी संस्कृतिका सम्मान करना होगा । सरस्वती, गणेशकी पूजा और चूडियां और सिन्दूर धारण करनेपर प्रश्न उठानेवालोंके लिए कहना चाहूंगा कि यह ब्रिटिश भारत नहीं है । इस भूमिकी मूल नींव हिन्दू धर्म है । यदि आप ‘हिजाब’ पहनना चाहते हैं, तो इसे पहनें और विश्विद्यालयके स्थानपर ‘मदरसों’में जाएं !”
स्मरणीय है कि उडुपी जनपदके दो महाविद्यालयोंमें मुसलमान छात्राएं ‘हिजाब’ पहनकर महाविद्यालय जाना चाहती थीं, जिन्हें प्रवेश नहीं करने दिया था । इसके पश्चात छात्राओंने उच्च न्यायालयसे अनुरोध किया है और सत्तारूढ ‘भाजपा’ शासनने इस प्रकरणको देखनेके लिए एक उच्च स्तरीय समितिका गठन किया है ।
‘भाजपा’के सांसदने उचित ही कहा है । भारत हिन्दुओंका राष्ट्र है और हिन्दू संस्कृतिने सदैव ही विश्वका कल्याण किया है । इसके विपरीत मुसलमानोंने अपने पन्थानुसार आचरणकर हिंसा और अधर्म ही प्रचारित किया है । सभी ‘भाजपा’ शासन न केवल इस प्रकरणपर समिति गठित करें; अपितु सम्पूर्ण राष्ट्रके विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में ‘हिजाब’पर प्रतिबन्ध लगाएं ! – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
Leave a Reply