संस्कृत भाषाको प्रोत्साहन देनेके लिए और उसका प्रचार करनेके लिए पग उठाना आवश्यक ! – ‘भाजपा’ शासित हिमाचल प्रदेशके मुख्यमन्त्री जयराम ठाकुर
२ मार्च, २०२२
संस्कृत यह प्राचीन भाषा और विश्वकी प्रमुख भाषाओंमेंसे एक है । भारतद्वारा विश्वको दी यह सबसे बडी देन है । संस्कृत भाषा यह साहित्यका महासागर है । देवभाषा संस्कृत यह वेद, शास्त्र, काव्य और अनेक ज्ञानरूपी मोतियोंका स्रोत है । संस्कृत भाषाको प्रोत्साहन देनेके लिए और उसका प्रचार करनेके लिए पग उठाना आवश्यक है, ऐसा वक्तव्य ‘भाजपा’ शासित हिमाचल प्रदेशके मुख्यमन्त्री जयराम ठाकुरने एक कार्यक्रममें दिया । वे यहांके ‘संस्कृत भारती’के ‘ऑनलाइन’ कार्यक्रममें बोल रहे थे । ‘राज्य शासन संस्कृत पढानेवाले शिक्षकोंकी मांगोंके विषयमें सहानुभूतिसे विचार करेगी’, ऐसा आश्वासन भी उन्होंने इस समय दिया ।
शिक्षामन्त्री गोविंद सिंह ठाकुरने इस समय कहा, “राज्य शासन संस्कृत भाषाको लोकप्रिय बनानेके लिए कटिबद्ध है । इसके लिए शासनने संस्कृतको द्वितीय राज्यभाषाका स्थान दिया है । शासकीय विद्यालयोंमें संस्कृत शिक्षकोंकी नियुक्ति की जा रही है । इससे विद्यार्थी संस्कृत सीख सकेंगे ।”
इसके लिए शासनको त्वरित पग उठाने चाहिए, ऐसी जनताकी अपेक्षा है !
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