मार्च २२, २०१९
यह प्रकरण पाकिस्तानके सिंधके दहरकी क्षेत्रका है, जहांपर इस्लामिक चरमपंथियोंने २ हिन्दू लडकियोंको होलीके दिन उठाया लिया ! ये दोनों सगी बहने हैं, जिनमेसे एकका नाम रीना और दूसरीका रवीना है ।
पाकिस्तानके कुछ ही लोग इस प्रकरणकी जानकारी दे रहे हैं । भारतकी कोई प्रसार वाहिनी इस समाचारपर कुछ भी बोलनेको सज्ज नहीं है, जबकि सहस्रों किलोमीटर दूर ‘न्यूजीलैंड’के समाचारपर भारतीय प्रसार वाहिनियां शोर कर रही हैं । इस्लामिक बहुल क्षेत्रोंमें इसीप्रकार प्रायः हिन्दू लडकियोंका अपहरणकर उनका बलपूर्वक धर्मांतरणकर इस्लामिक चरमपंथियोंसे उनका विवाह (निकाह) करवा दिया जाता है और परिवारको चेतावनी देकर उनकी पुत्रियोंको सदाके लिए दास (गुलाम) बना दिया जाता है, इन हिन्दुओंंके मानवाधिकारोंके लिए बोलनेवाला कोई नहीं है ।
“हिन्दू लडकी उठाई गई है; इसलिए सभी समाचार माध्यम, धर्मनिरपेक्ष और बुद्धिवादी मौन हैं ! यदि पूछा जाए तो कहते हैं कि समाचारमें सभी प्रकरण नहीं दिखाए जा सकते हैं; परन्तु किस चलचित्र अभिनेत्रीने क्या पहना और क्या किया ?, यहांतक कि उनके बच्चोंके भी समाचार दिखाए जा सकते हैं ! ऐसेमें हिन्दुओंको केवल स्वयंकी एकताका ही आश्रय है । जबतक हिन्दू एक नहीं होंगे, वह पाकिस्तान हो या हिन्दुस्तान, हिन्दू युवतियां जिहादका लक्ष्य बनती रहेंगी ! अतः हिन्दुओ, एकत्र हों और बेटियोंको बचाने हेतु अपने स्वरको मुखरित करें ! और स्वयंको पठान कहनेवाले, अल्पसंख्यकोंके तथाकथित रक्षक, इमरान खान भी थोडा पौरुष दिखाएं और बताएं कि वे कैसे हिन्दू हितोंकी रक्षा करते हैं ? क्या उनमें साहस है, ऐसे जिहादियोंको दण्डित करनेका ? मानवाधिकार और संयुक्त राष्ट्रकी मानवता ऐसे प्रकरणपर लुप्त हो जाती हैं, इससे ही ज्ञात होता है कि विश्व पटलपर हिन्दुओंके संरक्षण हेतु कोई इकाई या कोई संस्था नहीं है; इसलिए हिन्दू राष्ट्रकी स्थापना आवश्यक हो गया है ! – सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ ( २२.०३.२०१९)
स्रोत : डीबीएन
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