शिवलिंगपर निरोध, गोमांस त्योहार, और हिन्दू देवी-देवताओंका अपमान : ५ कटुभाषी हिन्दूद्रोही, जिन्हें जनताने चटाई धूल
०३ मई, २०२१
इन विधानसभा चुनावोंमें कुछ ऐसे नेताओंको हार मिली है, जो राजनीतिसे अधिक अपने विवादित वक्तव्योंके कारण चर्चामें आए थे ।
तृणमूल कांग्रेसकी आसनसोल दक्षिणसे हारनेवाली अभिनेत्री सायोनी घोषने शिवलिंगको निरोध पहनाते हुए एक चित्र साझा करते हुए भगवान शिवका उपहास बनाया था । हिन्दू भावनाओंको आहत करनेके आरोपमें उनपर प्राथमिकी भी प्रविष्ट हुई थी ।
इसी प्रकार केरलके कोल्लमसे हारनेवाली कांग्रेसकी बिंदु कृष्णाने ‘बीफ फेस्टिवल’का आयोजन किया था, जब मई, २०१७ में केंद्र शासनद्वारा हत्याके लिए पशुओंके क्रय-विक्रयपर रोक लगाई थी ।
इस सूचीमें बंगालमें तृणमूल कांग्रेसकी औरसे हारी हुई सुजाता खानने दलितोंपर आपत्तिजनक कटु व्यंग्य कसते हुए कहा था कि अनुसूचित जातिके लोग भिखारी होते हैं । केरलके विधायक एम स्वराजने भगवान अयप्पापर आपत्तिजनक वक्तव्य दिया था कि भगवान अयप्पाका २०१८ में मल्लिकापुरमसे विवाह हुआ है; इसलिए सबरीमला मन्दिरमें कोई भी जा सकता है । उन्हें भी हारका मुख देखना पडा ।
इस प्रकार एक नाम भाजपाके एक नेताका भी है । असमके गौरीपुरसे बनेंद्र कुमार मुशहरीने कहा था कि ‘बीफ’ भारतका राष्ट्रीय भोजन है । जब राज्यमें उनका दल भाजपा सत्तामें लौटा है, तब उनकी हार हुई है ।
यह प्रसन्नताका विषय है कि हिन्दू अब जाग्रत होने लगा है और इन्हें उत्तर देने लगा है । यह इन्हें हिन्दू देवी-देवताओं और हिन्दू प्रतीकोंके उपहासका दण्ड इन्हें मिला है; परन्तु यह अपर्याप्त है । प्रकृतिका न्याय अभी शेष है । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
स्रोत : ऑप इंडिया
Leave a Reply