गले काटनेवाले जिहादियोंसे स्वयंको और परिवारको बचाना हो, तो हिन्दुओंको आत्मरक्षाके लिए सज्ज रहना पडेगा – टी. राजासिंह, तेलंगाना
०७ अगस्त, २०२२
नुपुर शर्माका समर्थन करनेके कारण राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटकमें हिन्दू विरोधी शक्तियोंद्वारा हिन्दुओंके गले काटकर हत्याएं की जा रही हैं । हिन्दू और देशविरोधी जिहादी शक्तियोंमें युद्ध प्रारम्भ हो गया है । युद्धका ‘बिगुल’ बज गया है । हिन्दू यदि ‘सेक्युलर’ बना रहा, तो वह और उसका परिवार नहीं बचेगा । हिन्दू इस विश्वासपर न रहें कि शासन और ‘पुलिस’ उन्हें बचाएगी । हिन्दू आत्मरक्षाके लिए प्रशिक्षण लेंगे, तो ही बचेंगे ।
हिन्दुओंको स्वयंको एवं परिवारको बचाना हो, तो प्रत्येक हिन्दूको आत्मरक्षाके लिए सज्ज रहना पडेगा, ऐसा आवाहन प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ और तेलंगानाके ‘भाजपा’के विधायक श्री. टी. राजासिंहने किया है । वे हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा आयोजित ‘हिन्दू अपने ही देशमें असुरक्षित ?’ इस ‘ऑनलाइन’ विशेष परिसंवादमें बोल रहे थे । इस समय ‘श्रीराम सेना’के कर्नाटकके कार्याध्यक्ष श्री. गंगाधर कुलकर्णीने कहा कि कर्नाटकमें प्रवीण नेट्टारूसे पूर्व फरवरीमें हर्षकी हत्या हुई थी । इसका प्रारम्भ कर्नाटकके भटकलसे वर्ष १९९३ में विधायक चित्तरंजनकी हत्या होनेसे हुई थी, तबसे कर्नाटकमें निरन्तर हिन्दुओंकी हत्याएं हो रही हैं । गत पांच माहमें कर्नाटकमें छत्तीससे अधिक हिन्दुओंकी हत्या हुई है । इसके विरोधमें यदि सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन एकत्रित नहीं हुए, तो कर्नाटकमें हिन्दुओंको बाहर घूमना भी कठिन हो जाएगा । प्रवीण नेट्टारूकी हत्या उसकी मांसकी आपणीमें कार्य करनेवाले एक मुसलमानको निकालकर ‘हलाल मांस’ बन्दकर हिन्दू पद्धतिका ‘झटका मांस’ विक्रय प्रारम्भ करनेसे हुई । हिन्दुओंकी हत्याकर हम कितने शक्तिशाली हैं ?, यह दिखानेका ‘पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’का (PFI का) प्रयत्न है । ‘पी.एफ.आई.’ भारतकी ‘अल-कायदा’ है । उसपर तत्काल कार्यवाही नहीं की गई, तो आगे चलकर और बडा राक्षस बन सकती है ।
हिन्दू जनजागृति समितिके कर्नाटक राज्य प्रवक्ता श्री. मोहन गौडाने कहा कि कर्नाटकमें पहले २३ हिन्दुओंकी हत्यामें से १० हत्याओं में ‘पी.एफ.आई.’ और ‘सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया’का (SDPI का) सहभाग है, ऐसा आरोपपत्र न्यायालयमें प्रविष्ट हुआ था । कांग्रेसके नेता सिद्धरमैय्याने भी इन संगठनोंपर प्रतिबन्ध लगानेकी मांग की थी । ‘भाजपा’के वर्ष २०१८ के चुनावी घोषणापत्रमें भी शासन आनेपर ‘पी.एफ.आई.’ और ‘कर्नाटका फोरम फॉर डिग्निटी (KFD)’ इन संगठनोंपर प्रतिबन्ध लगानेका आश्वासन दिया गया था; किन्तु सत्ता मिलनेके पश्चात कुछ नहीं किया ।
कर्नाटक शासन और केन्द्र शासन दोनों स्थान ही ‘भाजपा’का ही है । यदि राज्य शासन संस्तुति (सिफारिश) करे तो समूचे देशमें फैली हुई इन कट्टरतावादी संगठनोंपर त्वरित कार्यवाहीकर कठोर प्रतिबन्ध लगाए, इससे पूर्वकी परिस्थिति नियन्त्रणसे परे हो जाए । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
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