जुलाई २६, २०१८
गोवासे कांग्रेस विधायक और पूर्व मुख्यमन्त्री प्रताप सिंह राणेने राज्य विधानसभामें गौमांसको लेकर वक्तव्यमें कहा कि भारत अपनी गायोंके साथ उन देशोंसे भी बुरा व्यवहार करता है, जहां गौमांस खाया जाता है । उन्होंने कहा, “हम गायोंको प्रेम करते हैं; लेकिन यह भारतमें सर्वाधिक बुरी स्थिति झेलने वाला पशु है । कई देश जो गौमांस खाते हैं, अपनी गायोंकी भारतसे कहीं अच्छी देखरेख करते हैं । हमारी गायें जैसे ही दूध देना बन्द करती हैं, हम उन्हें कचडा और प्लास्टिक खानेके लिए सडकोंपर दयनीय स्थितिमें छोड देते हैं । कई तो सडक दुर्घटनामें मृत हो जाती हैं । कांग्रेस विधायकने कहा, किसानोंको यह विकल्प मिलना चाहिए कि वह अपने पशुओंको विक्रय कर कुछ लाभ कमा सकें ।”
राणेको इस प्रकरणपर अनापेक्षित रूपसे सत्ता पक्षके सदस्योंका भी समर्थन मिला । गोवाके कलंगुट क्षेत्रसे भाजपा विधायक माइकल लोबोने राणेके विचारोंका समर्थन किया । लोबोने वैधानिक गौमांस व्यापारको बचानेमें असफलतापर अपने ही शासनसे प्रश्न किए ! उन्होंने कहा, ”कुछ कथित गौ रक्षक कर्नाटक और गोवाकी सीमापर खडे हो गए थे । उन्होंने राज्यमें गौमांस आनेसे रोकनेका प्रयास किया । कुछने तो गौमांसपर फिनाइल भी फेंक दिया !”
वैसे बता दें कि गोवा निकटवर्ती राज्य कर्नाटकपर गौमांसकी खुदरा आपूर्तिके लिए आश्रित है । गोवाके निकट स्वयंकी वधशाला (स्लाटर हाउस) ‘द गोवा मीट कॉम्पलैक्स’ भी है; लेकिन अभी यह बन्द पडा है । लोबोने कहा, “गोवा मीट कॉम्पलैक्स बन्द किया जा चुका है । गोवामें कई मांस खाने वाले लोग हैं । कई पर्यटक गोवा केवल गौमांस खानेके लिए आते हैं ।”
स्रोत : जनसत्ता
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