हिन्दुत्ववादियो, छोटी प्रासंगिक बातोंमें भावनात्मक रूपसे न अटकते हुए हिन्दू राष्ट्रकी स्थापनाहेतु सर्व शक्ति लगा दें !
कई बार किसी गाय अथवा मन्दिरके रक्षणार्थ या हिन्दुओं सम्बन्धित किसी क्रोध निर्माण करनेवाले प्रसंगके कारण हिन्दुत्ववादी ऐसी कोई कृति करते हैं, जिसके फलस्वरूप उन्हें कुछ माह या कुछ वर्ष कारागृहमें रहना पडता है । उन्हें यह ध्यानमें रखना है कि ऐसे किसी भी कारणवश कारागृहमें रहनेकी अपेक्षा कारागृहमें न जाना पडे, इस बातको प्रधानता देना आजकी आवश्यकता है । वे कारागृहके बाहर रहेंगे तो ही हिन्दुओंको हिन्दू राष्ट्रकी स्थापनाके लिए संगठित कर सकते हैं । कुछ लक्ष हिन्दू यदि एकत्रित हो गए तो हिन्दू राष्ट्रकी स्थापना दूर नहीं ।
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