नन्दीग्रामका नायक, हिन्दू होनेपर गर्व करनेवाले शुभेंदु अधिकारी, जिनके कारण ममता बनर्जीको भी कहना पडा “मैं पराजय स्वीकार करती हूं”
०३ मई, २०२१
पश्चिम बंगाल विधानसभामें कुल स्थान २९२ हैं; किन्तु जिस एक स्थानपर इन चुनावोंमें सबकी दृष्टि थी, वह था नन्दीग्राम । यहांसे भाजपाकी ओरसे थे, शुभेंदु अधिकारी । वही शुभेंदु अधिकारी जो चुनावसे कुछ मास पूर्वतक ममता बनर्जीकी मन्त्रीमण्डलके सदस्य थे । जिनके लिए कहा जाता है कि वे ही ममताको नन्दीग्राम ले गए थे, जहांसे उठी राजनीतिक परिवर्तनकी लहरने बंगालमें वाम मोर्चाका गढ एक दशक पूर्व ध्वस्त कर दिया था ।
पश्चिम बंगालमें शुभेंदु अधिकारीने खुली घोषणाकी थी कि यदि वे नन्दीग्रामसे पराजित हुए तो राजनीति छोड देंगे ।
शुभेंदु अधिकारी अपनी हिन्दू अभिज्ञान व्यक्त करनेमें कभी पीछे नहीं हटते । अनेक अवसरपर उन्हें भगवान श्रीरामके चित्रवाला ध्वज लहराते हुए देखा गया है तो अनेक बार मन्दिरमें दण्डवत करते हुए । इसबार भी अपने नामांकनसे पूर्व उन्होंने जानकी मन्दिरमें हवन किया था और सिंहवाहिनी मन्दिरमें पूजा-अर्चना की थी । उनके मंचोंसे जय श्रीरामके उद्घोष लगना सामान्य बात है । दुर्गा पूजा और हिन्दू त्योहारोंके साथ भेदभावको लेकर उन्होंने ममताको अनेक बार घेरा है ।
आज इस देशको एवं बंगालको शुभेंदु अधिकारी जैसे प्रखर हिंदुत्ववादी राजनेताओंकी आवश्यकता है । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
स्रोत : ऑप इंडिया
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