जनवरी १७, २०१८
म्यांमारमें सेनाकी ओरसे रोहिंग्या मुसलमानोंपर बर्बरताके आरोपोंके मध्य भारतने १३०० रोहिंग्या मुसलमानोंको बांग्लादेश भेज दिया है । भारतकी ओरसे उठाए गए इस पगकी अब पूरे विश्वमें आलोचना हो रही है । संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार समूहोंने भारतपर अन्तर्राष्ट्रीय विधानका सम्मान नहीं करनेका आरोप लगाया है ।
‘इंटर सेक्टर कोआर्डिनेशन ग्रुप’की प्रवक्ता एन बोसके अनुसार तीन जनवरीसे रोहिंग्या मुसलमानोंका बांग्लादेश पहुंचना तेज हो गया है । अभी तकके विवरणके अनुसार इस वर्ष अबतक ३०० परिवारोंके लगभग १३०० लोगोंको भारत की ओरसे बांग्लोदश भेजा जा चुका है ।
आईएससीजीमें संयुक्त राष्ट्रके कई विभाग और अन्य विदेशी मानवीय संगठन सम्मिलित हैं । बताया जा रहा है कि सीमा पार करके बांग्लादेश आए लोगोंको पुलिसने बन्दी बना लिया है और कॉक्स बाजार भेज दिया है । कॉक्स बाजार बांग्लादेशके दक्षिणका एक जनपद है, जहां विश्वका सबसे बडा शरणार्थी शिविर है ।
म्यांमार सेनाकी हिंसाके क्रूर अभियानसे बचनेके लिए लगभग सात लाख रोहिंग्या बांग्लादेश भाग गए हैं । वहीं करीब ४०००० रोहिंग्या शरणार्थियोंने भारतके भिन्न-भिन्न भागोंमें शरण ली है ।
“क्या संयक्त राष्ट्र, जिन्हें रोहिंग्याओंपर दया आ रही है, अपने देशोंके द्वार खोलेंगें और समस्त रोहिंग्याओंको अपने देशमें स्थान देंगें ? नहीं, क्योंकि वे भी रोहिंग्याओंकी सत्यतासे परिचित है, अन्यथा म्यामांरको इतनी कठोर कार्यवाही करनेकी क्या आवश्यकता थी ? भारत शासन त्वरित शेष रोहिंग्याओंको बाहर करें, ऐसी सभी राष्ट्रवादियोंकी मांग है”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : न्यूज १८
Leave a Reply