इस देशमें जितना गावंशका रक्त बह रहा है, उस सबका कर्मफल हम सबको भोगना है !
आज आपातकालमें सभी नगरीय क्षेत्रोंमें दूध जो अति आवश्यक भोज्य पदार्थ है, उसे ‘ताजा’ प्राप्त करनेमें कठिनाई हो रही है । यदि हमारे नगरीय नियोजन विभागने आरम्भसे ही प्रत्येक वसतिगृह अर्थात कॉलोनीमें गोशालाके लिए नियोजन किया होता या प्रत्येक मन्दिर या विद्यालयमें गोशाला होती तो आज सबको दूध व्यवस्थित मिलता; किन्तु इस देशमें ऐसे निधर्मी शासकगण आए कि उन्होंने गोपालनको तो प्रोत्साहित नहीं ही किया वरन गोवधकर, गोमांस उद्योगको वैश्विक स्तरपर पहुंचाकर, गोमांसके प्रथम दस निर्यातक देशोंमें इस देशका नाम डलवा दिया ।
आज ये जो पाप हम सब भोग रहे हैं, यह ऐसे ही कुकर्मोंका परिणाम है; इसलिए हिन्दू राष्ट्र चाहिए । अभी क्या ?, इस देशमें जितना गावंशका रक्त बह रहा है, उस सबका कर्मफल हम सबको भोगना है ।
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