अभिनेत्री सारा अलीको भगवान शिवकी पूजा करते देख भडके कट्टरपन्थी कहा, “पत्थर पूजती हो लज्जा नहीं आती !”


२ मार्च, २०२२
      महाशिवरात्रिके पावन अवसर पर ‘बॉलीवुड’ अभिनेत्री सारा अली खानने भगवान शिवके ओंकारेश्वर मन्दिरमें बैठकर माथेपर बिन्दी चन्दन लगाकर चित्र खींचा और ‘इंस्टाग्राम’पर डाल दिया । अब यही छायाचित्र जिहादी कट्टरपन्थियोंको रास नहीं आ रहे; इसलिए जिहादी अहमद बलोच, सारा अलीको लिखते हैं, “मुनाफिक ! न तुम मुसलमान न तुम हिन्दू ।” मोहम्मद शोएबने उन्हें ‘लानत’ भेजी । वहीं एक अन्य जिहादीने उन्हें लिखा, “मुसलमान होकर ऐसे कार्य करती हो लज्जा नहीं आती ।” रहमान जावेदने लिखा, “तू मुसलमान है ?” जिहादी सुमैयाने कहा, “तुम्हारे पिता मुसलमान हैं और तुम हिन्दू !”
       ऐसे ‘पोस्ट’में जिहादी कट्टरपन्थियोंकी खुली चुनौती होती है कि इस्लामके अतिरिक्त कुछ भी नहीं; इसलिए इसे ‘ट्रोलिंग’ कहकर वामपन्थी इसका बचाव नहीं कर सकते । यह विशुद्ध रूपसे हिन्दू देवी-देवताओंसे घृणा है, हिन्दुओंसे घृणा है । ‘सोशल मीडिया’पर धमकीका यह रूप ही स्थूल रूपमें इस्लामके नामपर ‘मॉब लिंचिंग’की ओर ले जाता है । बडे नाम कट्टरपन्थी ‘भीड’से बच जाते हैं; परन्तु किशन भरवाड, हर्षा, रूपेश पाण्डेय जैसे हम-आप इस आतङ्की मानसिकताका ‘शिकार’ हो जाते हैं; इसलिए यह ‘ट्रोलिंग’ नहीं है । “कुछ लोग ऐसा कहते हैं, इसको समूचे इस्लामसे मत जोडिए ।”
      चलचित्रोंके अभिनेता, कभी भी प्रचारका अवसर नहीं चूकते हैं । मन्दिरमें यदि आस्थाके कारण गए तो इसका चित्र लेनेकी क्या आवश्यकता थी और यदि हिन्दू धर्ममें इतनी अगाध श्रद्धा है तो सनातन धर्म क्यों नहीं अपना लेते ? – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
 
 
स्रोत : ऑप इंडिया


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