अभद्र भाषाका जमकर किया प्रयोग, ‘हिजाब’के निमित्त ‘सपा’के नेता आजमीने जैन सन्तका बनाया उपहास, ‘इस्लामी’ कट्टरपन्थी भी टूट पडे


१५ फरवरी, २०२२
‘हिजाब’के निमित्त महाराष्ट्र समाजवादी दलके नेता अबू फरहान आजमीने ‘इंस्टाग्राम’पर जैन साधु तरुण सागरका एक चित्र साझा करते हुए, हरियाणा विधानसभाको अपने संन्यासी स्वरूपमें (नग्न रूपमें) सम्बोधित करनेके लिए उनका उपहास उडाया । उसने कहा कि यदि एक सार्वजनिक समारोहमें एक ‘हिन्दू’को नग्न होनेकी अनुमति है, तो कर्नाटकमें एक मुसलमान छात्रा विद्यालय जानेके लिए ‘हिजाब’ क्यों नहीं पहन सकती है ? दिगम्बर जैन साधु तरुण सागरने २०१६ में हरियाणा विधानसभाको सम्बोधित किया था । फरहानद्वारा किए गए ‘पोस्ट’में लिखा है, “इस हिन्दू साधुने विधानसभाके भीतर नग्न प्रवचन दिया और एक भी मुसलमानने यह अनुरोध नहीं किया कि वह कुछ वस्त्र पहन ले, तो कर्नाटक शासन कौन है ? अथवा भारतीय मुसलमानोंके अधिकारोंको  लिखनेवाला  कोई  है ? आप  जो चाहें करें, हम ‘हिजाब’को नहीं छोडेंगे ।”
उनके ‘पोस्ट’पर की गई टिप्पणियोंमें ‘पोस्ट’की तुलनामें कहीं अधिक अपशब्दोंका प्रयोग किया गया है । मुसलमानोंने ‘झुण्ड’ बनाकर जैन भिक्षुका उपहास उडाया । फरहान आजमी महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी प्रमुख अबू आजमीके पुत्र हैं । उनके पिताने प्रायः राजनीतिमें एक रूढिवादी इस्लामिक सिद्धान्तका पालन किया है । आजमीने पिछले माह प्रधानमन्त्री मोदीकी सौ वर्षकी मां हीराबेन मोदीका भी अपमान किया था । ४ जनवरीको, उत्तर प्रदेशके उन्नावमें एक राजनीतिक सभामें बोलते हुए, आजमीने कहा, “मोदीजी, मुझे अपनी मांका प्रमाणपत्र दिखाओ, उनका जन्म कहां हुआ ?” अपने सम्बोधनके समय, आजमीको यह असत्य फैलाते हुए भी देखा गया कि ‘सीएए’ और ‘एनआरसी’ भारतीय मुसलमानोंकी नागरिकताकी स्थितिको सङ्कटमें डालते हैं ।
       कांग्रेस हो अथवा समाजवादी पक्षके नेता, ये हिन्दू सन्तोंको अपमानित करनेका कोई अवसर नहीं छोडते । निहत्थे पशुओंको तडपा-तडपाकर मारनेवाले ये मूढमति जिहादी मुसलमान हिन्दू सन्तोंके वैराग्यको क्या समझेंगे ! जनता ऐसे राजनेताओंको अब बाहरका मार्ग दिखाए, तभी इन्हें उचित शिक्षा मिलेगी । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
 
 
स्रोत : ऑप इंडिया


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