ईसाई धर्मान्तरणके विरुद्ध जैन समाजका विद्रोह, कर्नाटक शासनसे धर्मान्तरण विरोधी विधान लानेकी मांग
२३ अक्टूबर, २०२१
कर्नाटकके बेलगावी जनपदमें २१ अक्टूबर २०२१ को जैन समाजके अनेक संगठनोंके पदाधिकारी तथा धर्मगुरुओंने विरोध प्रदर्शन किया । आयोजनकर्ताओंने कित्तूर, बेलगावी, खानापुर, बाईहोंगल तालुकामें व्यापक मात्रामें हुए धर्मान्तरणपर चिन्ता व्यक्त की । शासनको ज्ञापन देते हुए इसके विरुद्ध विधान लाने तथा कठोर कार्यवाही करनेका निवेदन किया गया । इस विरोधमें जैन अन्तरराष्ट्रीय व्यापार संगठन, कर्नाटक जैन असोसिएशन बेंगलुरु, दक्षिण भारत जैन सभा, भारतीय जैन संगठन व अन्य अनेक समूहोंने भाग लिया ।
उल्लेखनीय है कि कर्नाटकके देहात क्षेत्रोंमें व्यापक प्रमाणमें ईसाई ‘मिशनरी’ लोगोंको प्रलोभन देकर, डरा-धमकाकर धर्मान्तरण करवाते हैं । ‘भाजपा’ विधायक गुलिहट्टी शेखरने बताया कि प्रदेशमें सक्रिय ४० प्रतिशत ईसाई ‘मिशनरियों’का कोई लेखा-जोखा नहीं है । उन्होंने बताया कि उनकी मातातकको ‘मिशनरियों’ने धर्मान्तरित करवा दिया था । उनके विचार ऐसे परिवर्तित किए कि उन्होंने देवताओंकी ओर देखना त्याग दिया । बिन्दी लगाना त्याग दिया ।
कर्नाटकके देहात क्षेत्रोंमें अवैध ‘मिशनरियों’द्वारा हो रहे छलयुक्त धर्मान्तरणपर रोक लगनी ही चाहिए । ये लोग अनुसूचित जाति, जनजातिके भोले-भाले लोगोंको फंसाकर धर्मान्तरित करते हैं । शासन धर्मान्तरण विरोधी विधानको और कठोर बनाए और ऐसा कुकृत्य करनेवालोंकी सम्पत्ति राजसातकर, उन्हें आजीवन कारावासके दण्डका विधान बनाए ! हिन्दू संगठन भी हिन्दुओंको जाग्रत करनेमें अपनी भूमिका निभाएं ! – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
स्रोत : ऑप इंडिया
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