‘जैश-ए-मोहम्मद’के लगभग दो दर्जन आतंकियोंके, एक नए समूहके, पीर पंजाल स्थित नियंत्रण रेखासे होते हुए कश्मीर घाटीमें घुसनेके संकेत मिले हैं। इसने सुरक्षा विभागों सहित ‘काउंटर इंसरजंसी ग्रिड’की नींद उडा दी है। सूत्रोंके अनुसार घुसपैठिए विभिन्न समूहोंमें विभाजित हो कर दक्षिण कश्मीरके त्राल, शोपियां और पुलवामा क्षेत्रोंमें छिपे हुए हैं। माना जा रहा है कि नए घुसपैठिए आधुनिक शस्त्रोंसे लदे हैं। । दक्षिण कश्मीरमें एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारीने पुलवामा जिलेमें ११ नए जैश आतंकवादियोंकी उपस्थितिकी पुष्टि की है। पुलिसके पास उपलब्ध जानकारीके अनुसार १०-११ जैश आतंकवादी पुलवामामें सक्रिय हैं। लगभग ७-८ आतंकियोंने त्रालमें डेरा डाला है। अवंतीपोरा, पुलिसके एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारीने बताया कि यह स्पष्ट नहीं है कि नया समूह त्रालमें प्रवेश कर चुका है या नहीं; लेकिन आतंकी आक्रमणमें निश्चित रूप से जैशकी भागीदारी है। सुरक्षा विभागोंकी सबसे बडी चिन्ता अभी १७वीं रमजान अर्थात कि इस्लामकी बद्रकी वर्षगांठ है, जो इसी सप्ताह शनिवारको आने वाली है। बद्रके युद्धकी वर्षगांठके अवसर शपर बडे स्तरपर आक्रमणकी आशंकाने सुरक्षा विभागोंकी नींद उडा दी है ! बताया जा रहा है कि गत वर्ष भी आतंकियोंने इस अवसरपर दक्षिण से उत्तरी कश्मीरतक बडे आतंकी आक्रमणोंको किया था; जिनका उत्तरदायित्व जैशने लिया था । जम्मू-कश्मीरमें केंद्र सरकारकी ओरसे घोषित एक तरफा संघर्षविरामका पाकिस्तान शकी ‘संयुक्त जिहाद परिषद’ने स्वागत किया था; लेकिन मूल स्तरपर उस पहलका आतंकवादी घटनाओंपर कोई प्रभाव नहीं दिख रहा है। कश्मीर घाटीके दक्षिणी जिलोंमें सक्रिय आतंकियोंने संघर्षविराम शकी घोषणाके बाद भी सुरक्षा बलोंपर आक्रमणको नहीं रोका है; हालांकि इन आक्रमणने बडे पैमानेपर सुरक्षा बलोंको हानि नहीं पहुंचाया; लेकिन दो मौकोंपर सेनाको हानि पहुंची है और एक नागरिककी मौत भी हुई थी !
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