मार्च ३१, २०१९
खन्ना (जालन्धर) पुलिसने शुक्रवार, २९ मार्चको रात जालंधरके प्रतापपुरामें छापा मारकर पादरी एंथनीके घरसे ९ कोटि ६६ लाख ६१ सहस्र ७०० रुपयोंका अवैध धन पकडा है । पादरीने यह धन गिरिजाघरके साथ बनी कोठीमें छिपाकर रखी थी । पादरीके ५ अन्य साथियोंको भी बन्दी बनाया गया है । पुलिसको शंका है चुनावोंमें मतदाताओंको लुभाने या फिर धर्म परिवर्तनमें प्रयोग की जा सकती थी । इनको लेकर पुलिस, आईटी व निदेशालय जांच कर रहे हैं । वहीं, एसएसपी ध्रुव दहियाने बताया कि नाकेके समय यह राशि ३ वाहनोंसे अधिकृतकर सभीको आईटी व निदेशालयको सौंप दिया है । अगली जांच आईटी विभाग करेगा । अभी ‘सिविल प्रोसीडिंग’के आधारपर कार्यवाही की है । जांचमें कुछ गडबडी मिलती है तो प्राथमिकी प्रविष्ट होगी । पादरी केरल गिरिजाघर दुष्कर्म प्रकरणमें फंसे बिशन फ्रेंकोका निकटवर्ती है । वहीं, राष्ट्रीय ईसाई महासंघने कहा कि पैसेका ब्यौरा पुस्तकोंमें है ।
ये तीन दृष्टिकोण है, जिनपर आईटी, निदेशालय और पुलिस कर रही जांच
१. धर्मके नामपर काले धनको वैध करनेकी शंका
सूत्रोंके अनुसार काला धनके प्रकरणमें पादरी एंथनीका महत्वपूर्ण भूमिका है । धार्मिक संस्थानोंके साथ जालंधरमें चलाए जा रहे एक संस्थाके लेखा-जोखामें काला धनको वैध किया जाता था । खन्ना पुलिसका दावा है उक्त लोगोंको दोराहामें अवरोधकपर (नाकेपर) ३ वाहनोंसे पकडा गया । एसएसपी ध्रुव दहियाने कहा कि जीटी रोडपर अवरोधकके समय सूचना मिली कि कुछ व्यक्ति अवैध राशिका धंधा करते हैं, जोकि इनोवा, फोर्ड ईको स्पोर्ट और मारूति ब्रीजासे जालंधरसे अंबाला जा रहे हैं । पुलिसने इन तीनों वाहनोंको रोका तो ईको स्पोर्टमें एंथनी और रछपाल सिंह निवासी भीखीविंड (तरनतारन), इनोवामें रविंदर व उसकी पत्नी शिवांगी निवासी कार्तिके पार्क डेराबली पनविल नई मुंबई, अशोक निवासी बिलासपुर (हिमाचल), ब्रीजा कारमें हरपाल सिंह निवासी जालंधर सवार थे । इनसे ९ कोटि ६६ लाख ६१ सहस्र ७०० रुपए मिले ।
२. मुंबईसे लेकर जालंधरतक हो सकता गिरोह
काले धनका यह जाल मुंबईसे लेकर जालंधरतक फैला है । मुंबई जैसे नगरोंमें बैठे अरबों-खरबोंके स्वामी अपने काले धनको किसी न किसी प्रकारसे वैध करनेमें इनका आश्रय लेते हैं ।
जो पुलिसने छिपाया
प्रतापपुरामें एंथनीके घर शुक्रवार सन्ध्या लगभग ५ बजे खन्ना पुलिसके विशेष दलने छापा मारा । यह लगभग आधे घंटेतक चली । इस समय भ्रमणभाष छीन लिए गए थे । घरसे थैला उठाकर वाहनमें रख लिए गए थे । दलने पादरीके साथ-साथ एक चिकित्सक और महिलाको भी बैठा लिया । पादरीके घरसे बडी राशि भी मिलनेकी बात आई थी ।
३. २५ से ४० प्रतिशत तक लाभ अर्जित जा रहा था
पुलिस सूत्रोंने बताया कि काले धनको वैध करनेमें नेक्सेस २५ से लेकर ४०% लाभ होता था ।
“ईसाई पादरी इस अवैध धनसे धर्मान्तरण करते हैं, यह आरोप गत काफी समयसे लगते रहे हैं; परन्तु सम्भवतः किसी शासनने आवश्यकता नहीं समझी; क्योंकि ध्यान तो हिन्दू सन्तोंपर था ! पादरीके घरसे ९ कोटि रूपये पकडे गए हैं, जो कि अवैध है और धर्मान्तरणके लिए प्रयोग किए जाते थे । इतना बृहद प्रकरण है और विचित्र है कि हमारे देशके समाचार माध्यमोंपर कओई लाइव वार्ता नहीं है; क्योंकि सम्भवतः अवैध धन रखनेवाला पादरी है ! हिन्दू सन्तोंको निर्दोष होते हुए भी दोषी बतानेवाले समाचार माध्यम, जो समूचे देशमें एक अवधारणा बनानेका कार्य करते हैं, वे इसपर मौन हैं तो यह पक्षपात क्यों ? पापका साथ देनेवाले सभी लोग स्मरण रखें कि धर्मराज्यमें एक-एक चीजका हिसाब मांगा जाएगा !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : भास्कर
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