‘धारा ३५-ए’पर अडे फारूक अब्‍दुल्‍ला, पंचायत मतदानके बहिष्‍कारकी घोषणा की


सितम्बर ५, २०१८

जम्‍मू-कश्‍मीरमें नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख और पूर्व केन्द्रीय मन्त्री फारुक अब्दुल्लाने जम्‍मू-कश्‍मीरमें होने वाले पंचायत मतदानके बहिष्‍कारका निर्णय किया है । फारूक अब्दुल्लाने कहा है कि जब तक भारत और राज्‍य शासन “धारा ३५ए’पर अपना पक्ष स्‍पष्‍ट नहीं करते है, तब तक उनका दल पंचायत मतदानका बहिष्‍कार करेगा । फारुक अब्दुल्लाने कहा कि केन्द्र शासन और राज्‍य प्रशासनको ‘धारा ३५ए’के विरुद्ध उच्चतम न्यायालयमें डाली गई याचिकापर सशक्त पैरवी करनी चाहिए ।
राज्यमें निकट भविष्यमें होने जा रहे पंचायत व स्थानीय निकाय मतदानकी प्रक्रियाको प्रमुख राजनीतिक दल नेशनल कांफ्रेंसने बहिष्कारकी घोषणा कर दी है । नेकां अध्यक्ष डा फारुक अब्दुल्लाने कहा कि न हीं इस समय यहां स्थिति मतदानके अनुकूल हैं और न ‘धारा ३५ए’के प्रकरणपर केन्द्र व राज्य शासनका पक्ष सकारात्मक है । धारा ३५एके संरक्षणके लिए केन्द्र शासनको विश्वास दिलाना होगा ।

डा. फारूक अब्दुल्लाने कहा कि पंचायत और स्थानीय निकाय मतदानसे दूर रहनेका निर्णय आज प्रातः दलकी बैठकमें लिया गया है । उन्होंने कहा कि हमने राज्यके समग्र स्थितिपर विचार विमर्श किया है । उसके पश्चात ही इस परिणामपर पहुंचे हैं कि वर्तमान परिस्थितयोंमें मतदानमें भाग लेनेका कोई औचित्य नहीं है ।

उन्होंने कहा कि इस समय कश्मीरमें सुरक्षा परिदृश्य भी सही नहीं है । लोगोंमें भय और असुरक्षाका वातावरण बना हुआ है । इसके अतिरिक्त धारा, जो हमारी विशिष्ट पहचानके लिए आवश्यक है, उसे भी मिटानेका षडयन्त्र हो रहा है; इसलिए जब तक केन्द्र व राज्य शासन ‘धारा ३५ए’के संरक्षणका ठोस पग नहीं उठाती, हम मतदानमें भाग नहीं लेंगे ।

आपको बता दें कि उच्चतम न्यायालयमें ३५एके प्रकरणपर पिछली सुनवाईके समय शासनकी ओर से तर्क दिया गया था कि अभी राज्यमें पंचायत मतदान होने हैं, इसलिए थोडा समय आगे बढाया जाए ।

नेशनल कॉन्फ्रेंसके प्रमुख और पूर्व केन्द्रीय मन्त्री फारूक अब्दुल्लाका कहना है कि केन्द्र शासनको अनुच्छेद ३५ए पर अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए । बुधवारको उन्होंने कहा कि जब तक केन्द्र इसपर अपने पक्ष स्पष्ट नहीं करता है और राज्यमें शान्तिके प्रयासको आगे नहीं बढाती है, हम इन मतदानमें भाग नहीं लेंगे ।

शासनकी ओर से उच्चतम न्यायालयमें कहा गया था कि राज्यमें अभी पंचायत मतदान होने हैं; इसलिए सुनवाई आगे बढाई जाए । ३५ए के प्रकरणपर राज्यमें निरन्तर विरोध हो रहा है, जिस समय न्यायालयमें इसकी सुनवाई हो रही थी, तब भी कई बार राज्यमें बंद बुलाया गया था ।

राज्यके पूर्व मुख्यमन्त्री उमर अब्दुल्लाने भी इस प्रकरणपर ‘ट्वीट’ कर जानकारी दी थी । उमरने कहा था कि अब यह पूर्ण रूपसे केन्द्र शासनपर निर्भर करता है कि वह ३५ए पर अपना पक्ष कब स्पष्ट करती है । पंचायत और निगम मतदानका प्रयोग ‘३५ए’की सुनवाई टालनेके लिए नहीं किया जा सकता है ।

स्रोत : दैनिक जागरण



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