जम्मू और कश्मीरमें विधानसभा क्षेत्रोंका पुनर्गठन !
७ मई, २०२२
जम्मू-कश्मीरमें विधानसभा क्षेत्रोंके पुनर्गठनके लिए नियुक्त परिसीमन आयोगने अपनी ‘रिपोर्ट’ सौंप दी है । तदनुसार, राज्यमें मतदान संघोंकी कुल संख्याको बढाकर ७ करनेका प्रस्ताव है । जम्मू-कश्मीरमें विधानसभा मतदान संघोंकी संख्या ८३ से बढकर ९० हो जाएगी । बढे हुए ७ मतदान संघोंमेंसे ६ जम्मूमें और १ कश्मीरमें होगा । विस्थापित कश्मीरी हिन्दुओंके लिए विधानसभामें २ ‘सीटें’ आरक्षित करनेका भी प्रस्ताव है । पाकिस्तान अधिकृत कश्मीरके लिए २४ रिक्तियां हैं । इससे पूर्व ये मतदान संघ रिक्त छोडे गए थे । अब यह ‘रिपोर्ट’ भारत शासनको भेजी जाएगी । इसके पश्चात ‘गजट’का प्रकाशन होगा । इस ‘रिपोर्ट’ने अब राज्यमें विधानसभा चुनाव करानेका मार्ग प्रशस्त किया है ।
‘पाकिस्तान’ने विधानसभा क्षेत्रोंमें परिवर्तनके विरोधमें भारतके राजदूतको बुलाया । ‘पाकिस्तान’ने कहा, ‘हम पुनर्गठन ‘रिपोर्ट’को निरस्त कर रहे हैं । इस पुनर्गठनका उद्देश्य मुसलमानोंको नागरिकताके अधिकारसे वंचित करना और उन्हें दुर्बल करना है ।
पाकिस्तानने बंटवारेके पश्चात हिन्दुओंके साथ क्या किया और हिन्दुओंके सन्दर्भमें अब भी क्या चल रहा है ? भारतके मुसलमानोंके सम्बन्धमें पूछनेके स्थानपर, पाकिस्तानको चीनमें मुसलमानोंकी स्थितिके विषयमें बात करनेका साहस करना चाहिए । कश्मीर भारतका अभिन्न अंग है । इसलिए, पाकिस्तानको भारतके निर्णयोंमें अपनी टांग अडानेकी आवश्यकता नहीं । भारतको ऐसी चेतावनी पाकिस्तानको देनी चाहिए । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
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