दिसम्बर १५, २०१८
किसी भी कामके बदलेमें महिलाओंसे शारीरिक सम्बन्धकी मांग करने वाले अधिकारियोंके विरुद्ध जम्मू-कश्मीरमें विधान (कानून) और कडा हो गया है । यहांकी राज्य प्रशासनिक परिषदने शुक्रवार, १४ दिसम्बरको राज्यके ‘रणबीर पीनल कोड’में एक संशोधनको पारित कर दिया है । इसके अन्तर्गत अब शासकीय कर्मी या फिर ऊंचे पदोंपर बैठे लोगोंद्वारा उनके नीचे कार्य कर रही महिलाओंका शोषण अपराध माना जाएगा । इस संशोधनको लागू करनेके पश्चात जम्मू-कश्मीर इस प्रकारका विधान लाने वाला प्रथम राज्य हो गया है ।
राज्य प्रशासनिक परिषदकी बैठक राज्यपाल सत्यपाल मलिककी उपस्थितिमें हुई और इसमें ‘प्रिवेंशन ऑफ करप्शन बिल २०१८’ और ‘जम्मू-कश्मीर क्रिमिनल लॉ २०१८’के संशोधन विधेयक पास किए गए ।
इस विधेयककेद्वारा ‘रणबीर पीनल कोड’में संशोधन किया जाएगा और ‘धारा ३५४-ई’के अन्तर्गत विशेष अपराधके रुपमें इसे सम्मिलित किया जाएगा । इससे सेक्सटॉर्शन या महिलाके शोषणको अपराध माना जाएगा ।
राज्य प्रशासनके प्रवक्ताके अनुसार, खण्ड १५१, १६१ शेड्यूल ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर कोड’ और ‘एविडेंस एक्ट’की ‘धारा ५३ए’में संशोधन किए जा रहे हैं ।
इससे सेक्सटॉर्शन रणबीर पीनलमें दिए इसी प्रकारके दूसरे अपराधोंकी श्रेणीमें आ जाएगा । साथ ही ‘प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट’में भी दुर्व्यवाहरकी परिभाषा परिवर्तित की जाएगी ।
वहीं, नूतन विधान अन्तर्गत कार्यस्थलपर यौन सम्बन्धोंकी मांगको धारा-५ की परिभाषामें लाया जाएगा ।
स्रोत : भास्कर
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