अप्रैल १, २०१९
गत दिवसोंमें समाचार आया था कि बच्चोंके स्वास्थय रक्षा उत्पाद बनानेवाली कंपनी ‘जॉनसन एंड जॉनसन’के (Johnson & Johnson’s) ‘बेबी पाउडर’में हानिकारक पदार्थ हैं, जिससे कर्करोग (कैंसर) जैसी बडे रोघ भी हो सकते हैं । अब ‘जॉनसन एंड जॉनसन’का शैम्पू भी गुणवत्ता परीक्षणमें अनुत्तीर्ण हो गया है । ‘राजस्थान ड्रग कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन’ने ‘जॉनसन एंड जॉनसन’ शैम्पूके २ खेपमें (बैचमें) गडबडी पाई है । इस शैंपूमें हानिकारक ‘फार्मेल्डिहाइड’ होनेका समाचार है । राजस्थान ड्रग नियामकने इस शैम्पूके २ खेप – ‘BB58204’ और ‘BB58177’का परीक्षण किया था । ये शैम्पू सितम्बर २०२१ में समय सीमा समाप्त हो जाएंगे ।
‘राजस्थान ड्रग्स वॉचडॉग’ने डग्स नियन्त्रण अधिकारीसे अधिसूचनामें (नोटिसमें) कहा कि इन खेपको किसीकेद्वारा प्रयोग न किया जाए । साथ ही वर्तमान खेपको विपणिसे (मार्केटसे) हटाया जाए । इसके अतिरिक्त ‘ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स अधिनियम १९४०’के अन्तर्गत जो भी एक्शन लिया जा सकता है, वो लिया जाए !” इसके अन्तर्गत यदि राजस्थान ड्रग नियामक चाहे तो वो ‘जॉनसन एंड जॉनसन’पर अभियोग भी चला सकता है ।
वहीं ‘जॉनसन एंड जॉनसन’ने ‘शैम्पू’में ‘फार्मेल्डिहाइड’ होनेकी बातसे मना किया । उन्होंनें कहा कि शासनने हमें परीक्षणसे जुडी कोई जानकारी नहीं दी, न ही ये बताया कि उन्होंने किसप्रकारसे यह परीक्षण किया है !”
“एक विदेशी उद्योग अभीतक भारतीयोंको विष मिलाकर नवजात शिशुओंके कृत्रिम पदार्थ बनाकर विक्रय करता रहा और हमारे प्रशासनको कोई समाचार ही नहीं है !! ‘एफडीआई’ इस देशके राज्यकर्ता लाए थे, ताकि विकास हो तो शिशुओंको मारनेको सज्ज ये उत्पाद बनाकर कौनसी तकनीक हम बाहरसे ला रहे हैं !! और कम्पनी चूक स्वीकार करनेके स्थानपर लज्जाहीन होकर शासनकी ही चूक बता रही है । क्या ऐसे उद्योगोंको भारतसे बाहर नहीं करना चाहिए ? शासन बालकोंके स्वास्थ्यसे खेलनेवाले इस उद्योगको बाहर करें व सभी माता-पिता भी आंखे खोलकर देखे और समझे कि बालकोंके लिए डिब्बाबन्द किसी भी पदार्थका प्रयोग प्राणघातक हो सकता है; क्योंकि इस स्वार्थके समयमें कौनसा उद्योग आपको उचित वस्तु देगा, यह बताना कठिन है ! ” – सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : फाइनेंसल एक्सप्रेस
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