लाखों हिन्दुओंकी आस्थाको ठोकर मारनेवाली कनकदुर्गाको परिजनोंने मारी ठोकर, कहा पहले हिन्दुओंसे क्षमा मांगें !!


जनवरी २३, २०१९

 

केरलके बहुचर्चित सबरीमाला मंदिरमें दर्शन करनेवाली दो महिलाओंमेंसे एकको समाजके पश्चात अब परिवारके विरोधका सामना करना पड रहा है । कनक दुर्गा नामकी महिलाके परिवारने उन्हें घरमें प्रवेश देनेसे मना कर दिया है । ऐसेमें उन्हें एक संस्थाकी ओरसे आश्रय स्थल भेजा गया है ।

४४ वर्षीय कनक दुर्गाने इस माहके आरम्भमें बिंदू नामकी महिलाके साथ सबसे प्रथम सबरीमाला मन्दिर जाकर भगवान अयप्पाके छलसे दर्शन किए थे, जिसके पश्चात उन्हें एक ओर परिवारके विरोध और क्रोधका सामना करना पड रहा था । वहीं, दूसरी ओर दक्षिणपन्थी विचाधाराके प्रदर्शनकारियोंसे निरन्तर चेतावनियां मिल रही थीं । इन्‍हींके कारण वह गत दो सप्ताहसे छिपी हुई थीं ।

१५ जनवरीकी प्रातः जब वह अपने घर पहुंचीं, तो उसकी सासने उसके सिरपर वार कर दिया, तदोपरान्त घरवालोंने प्रवेश देनेसे अस्वीकार कर दिया । समाचारके अनुसार, सासकी पिटाईसे कनक दुर्गाको काफी चोटें आईं ।
कनक दुर्गाके भाई भारत भूषणका कहना है कि उसे तबतक घरमें प्रवेश नहीं दिया जाएगा, जबतक कि वो अयप्पा भक्तों और हिन्दू समुदायसे क्षमा प्रार्थना नहीं कर लेती ।


“शास्त्रीय विधानोंको तोडकर, जोकि महिलाओंके भलेके लिए बनाए गए हैं, देव शक्तियोंका अपमान किया, अपने अहंकारके कारण जब सहस्रों हिन्दुओंको कारावास जाना पडा, उन्हें पीटा गया, कुछ हिन्दू मारे गए, लाखों भक्तोंकी आस्थाको ठोकर मारी गई, इतना सब उत्पात करनेके पश्चात क्या कनकदुर्गा अपने लिए ईश्वरसे सुखकी कामना कर सकती हैं ? यह तो देव शक्तियोंद्वारा दिया दण्ड ही है, जो उस अधर्मका परिवाम है, जो उन्होंनें किया ! स्वजनोंके मोहमें तो कोई भी अनुचित कार्य कर सकता है; परन्तु धर्म हेतु अपनी बहनको, पत्नीको ही ठुकरा देना बडी बात है, इसके लिए कनकदुर्गाके परिजन अभिनन्दनके पात्र है कि उन्होंनें धर्मको पहले रखा । ”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : न्यूज १८



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