कर्नाटकका मारीगुडी मन्दिर अब मुसलमानोंको नहीं देगा विपणि (दुकान), ‘हिजाब’पर उच्च न्यायालयके निर्णयका विरोधकर मुसलमानोंने बन्द रखी थी आपणियां


२० मार्च, २०२२
      कर्नाटकके उडुपी जनपदके होसा मारीगुडी मन्दिरने यह निर्णय लिया है कि मन्दिर परिसरमें अब मुसलमानोंको आपणियां (दुकानें) लगानेकी आज्ञा नहीं दी जाएगी । यह निर्णय मन्दिर परिसरमें उपस्थित मुसलमान विक्रेताओंद्वारा ‘हिजाब’पर १७ मार्चको कर्नाटक उच्च न्यायालयके निर्णयके विरोधमें आयोजित बन्दमें सम्मिलित होनेके पश्चात लिया गया । इस बन्दसे स्थानीय श्रद्धालुओंको अत्याधिक समस्याओंका सामना करना पडा था । मन्दिर प्रशासन ‘कमेटी’के अध्यक्ष रमेश हेगडेने इस निर्णयकी पुष्टि की है । ‘मीडिया’ प्रतिवेदनके अनुसार, होसा मारीगुडी मन्दिर प्रशासनने निर्णय लिया है कि अब वार्षिक आयोजनके लिए हिन्दू समाजके लोगोंको ही आपणियां आवण्टित की जाएंगी । इन आपणियोंपर पुष्प, नारियल व प्रसाद आदि विक्रय किए जाते हैं । मन्दिर प्रशासनने यह भी निर्णय लिया है कि आपणियोंके आवण्टनमें भाग लेनेवाले हिन्दू विक्रेताओंको यह स्पष्ट रूपसे लिखकर देना होगा कि वह भविष्यमें किसी मुसलमानके साथ सहभागिता नहीं करेंगे । यह निर्णय न्याय व्यवस्थाको बनाए रखनेके लिए लिया गया है । २२-२३ मार्चको कूपके मन्दिरमें उत्सव होना है एवं १ लाख श्रद्धालुओंके आनेकी सम्भावना जताई जा रही है । व्यवस्थाको बनाए रखने हेतु प्राथमिकता दी गई है । उल्लेखनीय है कि कर्नाटक उच्च न्यायालयने अपने निर्णयमें ‘हिजाब’को इस्लामका अविभाज्य अंग माननेसे अस्वीकार कर दिया था । इसके विरोधमें कुछ मुसलमान संगठनोंने १७ मार्चको बन्द बुलाया था ।
       हिन्दू जिहादियोंके साथ कितना भी ‘भाईचारा’ निभाए, अन्तमें वह अपने समुदायका ही पक्ष लेंगे । मन्दिरका निर्णय प्रशंसनीय है; परन्तु इसे लेनेमें विलम्ब किया गया है; अतः अब सभी हिन्दू मन्दिरोंके प्रशासन इस प्रकरणसे सीखें एवं ऐसी समस्याओंका श्रद्धालुओंको भविष्यमें सामना न करना पडे, इस हेतु किसी अन्य पन्थके अनुयायियोंको मन्दिर परिसरमें स्थान न दें ! – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
 
 
स्रोत : ऑप इंडिया


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