शिवसेनाने ‘एनआरसी’पर केन्द्रका दिया साथ, कहा- अब कश्मीरी पण्डितोंकी भी हो ‘घर वापसी’ !


अगस्त ३, २०१८

राष्ट्रीय नागरिक पञ्जके प्रकरणपर केन्द्रका साथ देते हुए शिवसेनाने आज प्रश्न किया कि असम से विदेशी नागरिकोंको बाहर निकालने वाला शासन क्या डेढ लाख कश्मीरी पण्डितोंकी घर वापसीका साहस दिखाएगी ?  शिवसेनाने अपने मुखपत्र ‘सामना’में लिखा कि विदेशी नागरिकोंको चुनकर बाहर निकालनेका कार्र देशभक्ति शका ही है और ऐसा साहस दिखानेके लिए हम केन्द्र शासनका अभिनन्दन कर रहे हैं । विदेशी नागरिक फिर चाहे वे बांग्लादेशी हों अथवा श्रीलंका के, पाकिस्तानी हों या म्यामां के रोहिंग्या मुसलमान, उन्हें देशसे बाहर निकालना ही होगा !

‘सामना’ने अपने सम्पादकीयमें लिखा कि असममें जो कुछ हो रहा है, वह जम्मू-कश्मीरमें भी हुआ होता तो देशके घर-घरपर हिन्दुत्वका भगवा ध्वज लहरानेके लिए जनता मुक्त हो गई होती । असममें ‘एनआरसी’का अन्तिम प्रारूप जारी होनेके पश्चात राजनीतिक उथल-पुथलकी स्थिति पैदा हो गई है । भाजपा और कांग्रेसके नेतृत्वमें विपक्षी दल, दोनों ही एक-दूसरेपर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं । ‘सामना’ने लिखा कि राष्ट्रीय सुरक्षाका प्रश्न केवल असमके ४० लाख घुसपैठियोंतक सीमित नहीं है । कश्मीरकी स्थिति प्रतिदिन बिगडती जा रही है तथा पाकिस्तानमें इमरान खानका मुखौटा धारण कर फौजी शासन आनेसे संकट और अधिक बढ गया है ।

शिवसेनाने केन्द्रसे प्रश्न किया कि असमके ४० लाख विदेशी नागरिकोंने उस राज्यके भूगोल, इतिहास और संस्कृतिको मार डाला है । यही कश्मीरके बारेमें भी हो रहा है । असमसे विदेशी नागरिकोंको बाहर निकालने वाला शासन क्या डेढ लाख कश्मीरी पण्डितोंकी कश्मीरमें घर वापसी करानेका साहस दिखाएगा ? उद्धव ठाकरेके नेतृत्व वाले दलका कहना है कि यह प्रश्न प्रखर हिन्दुत्वका नहीं बल्कि असमके घुसपैठियों जितना ही राष्ट्रीय सुरक्षा तथा हिन्दू संस्कृतिसे भी सम्बन्धित है ।


‘सामना’ने लिखा कि कश्मीरसे हिन्दुओंका सम्पूर्ण खात्मा आतंकके बलपर हुआ है । इस आतंकको नष्ट कर मोदी शासनको कश्मीरी पण्डितोंका स्वागत करना चाहिए था, परन्तु स्वागत तो बगल में रह गया, उनके पैरों तलेकी भूमि भी खींच ली है । शिवसेनाने कहा कि सत्तामें आते ही धारा ३७० रद्द करेंगे, कश्मीरको बन्धन मुक्त करेंगे, ऐसी बात इन्दिरा गांधी, राजीव गांधी या मनमोहन सिंहने नहीं की थी । वे सभी कमजोर मनके थे । परन्तु प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदीने हिन्दुस्तानी जनताको ऐसा वचन दिया था कि सत्तामें आते ही धारा ३७० रद्द कर कश्मीरपर केवल तिरंगा लहराएंगे । उसका कहना है, ‘‘एनआरसी अर्थात ‘राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर’को लागू करना जिस प्रकार साहसका और राष्ट्रीय कार्य है, उसी प्रकार धारा ३७० को रद्द कर राष्ट्रीय तेवर दिखाना भी उतना ही हिम्मतका राष्ट्रीय कार्य है ।

स्रोत : पंजाब केसरी



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