मार्च २१, २०१९
अरविन्द केजरीवालने अभी-अभी एक ऐसा कुकृत्य किया है, जिससे उसकी मानसिकता ज्ञात होती है । लोकसभा चुनावोंको लेकर हिन्दुओंके विरुद्घ आपत्तिजनक ट्वीट किया है !
Someone sent this … pic.twitter.com/IScYDLgwZr
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 20, 2019
केजरीवालने २० मार्चको एक ट्वीट किया है, जिसमे झाडू पकडे हुए व्यक्ति दिख रहा है, जोकि स्वास्तिक चिह्नको मार रहा है !!
कपिल मिश्राने कहा कि यदि इसे बीजेपीके विरुद्घ बोलना है तो बीजेपीके चुनाव चिह्नके विरुद्घ बोल सकता है, स्वास्तिक बीजेपीका चुनाव चिह्न नहीं है, ये तो हिन्दू धर्मका चिह्न है, समस्त हिन्दुओंका चिह्न है !
“स्वास्तिक अर्थात शक्तिका स्रोत, जिसे न केवल हिन्दू धर्ममें वरन अन्य जैन, बौद्ध और सिख आदि पन्थोंमें भी पवित्र माना जाता है । मूल रूपसे यह सनातन धर्मद्वारा प्रदत्त चिह्न है । यहां तक कि स्वयं हिटलरने भी अपने चिह्नके रूपमें टेढे स्वास्तिकको ही चुना; परन्तु यह धर्महीन व मुस्लिम तुष्टिकरण करनेवाला नेता सनातान संस्कृतिके इसी महान प्रतीकका अपमान कर रहा है और हिन्दू मौन होकर देख रहे हैं ! कहनेको ये नेता विज्ञानके छात्र है; परन्तु विचित्र है कि इनकी समग्र शिक्षा इस कृत्यके साथ नष्टप्राय हो गई; क्योंकि आज विश्वका प्रत्येक धर्म स्वास्तिककी ऊर्जाके सामने नतमस्तक है । हिन्दू द्रोही और ईसाई बने अरविन्द केजरीवाल क्या भारतमें भी (अरब देशोंकी तो बात ही नहीं कर रहे) चांद सितारे लगे चिह्नका इसप्रकार अपमान कर सकते हैं ? वस्तुतः आजके नेता इसीप्रकार हिन्दुओंका व उनके प्रतीकोंका अपमान करते हैं; क्योंकि उन्हें ज्ञात है कि हिन्दुओंका धर्माभिमान मृत हो चुका है, उन्हें कुछ भी कहा जाए तो उन्हें अन्तर नहीं पडता । इससे स्पष्ट है कि आक्रान्ताओं व धर्मान्धोंसे निपटनेसे पूर्व उन तथाकथित बुद्धिवादी हिन्दुओंसे निपटना आवश्यक है; क्योंकि धर्मान्धोंसे अधिक निधर्मी हिन्दुओंने ही इस राष्ट्रकी यह स्थिति की है !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : डीबीएन
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