जनवरी २, २०१९
पश्चिम बंगाल और केरल पुलिसके संयुक्त अभियान अन्तर्गत २०१४ के ‘बर्दवान विस्फोट’के आरोपी अब्दुल मतीनको केरलके मलप्पुरम जनपदके इडावन्नासे बुधवार, ३० जनवरीको बन्दी बनाया गया ।
पुलिसके अनुसार अब्दुल मंजेरीके पास एडवानामें एक स्थानीय मस्जिदके इमामके रूपमें कार्य करता था और उसे मंजेरी-एदावन्ना सीमासे बन्दी बनाया गया था । पुलिस अधिकारी प्रथमेश कुमारने बताया कि इमामको बन्दी बनानेके लिए केरल पुलिस और पश्चिम बंगाल पुलिसने मिलकर इस अभियानको किया ।
उल्लेखनीय है आरोपी अब्दुल मतीन पश्चिम बंगालके बर्दवानमें हुए विस्फोटके मुख्य अभियुक्तोंमेंसे एक था । इसके पीछे ‘जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश’का हाथ होनेका सन्देह था और इसी आतंकी संगठनसे मतीनके सम्बन्ध हैं ।
बर्दवानमें यह विस्फोट २ अक्टूबर, २०१४ को हुआ था । खगरागढ क्षेत्रमें तृणमूल कांग्रेसके एक नेता नुरुल हसन चौधरीके स्वामित्ववाले भवनके भीतर विस्फोट हुआ था । पुलिसके आनेपर बंदूक चलानेवाली दो महिलाओंने पुलिसको प्रवेश करनेसे रोका था और एक बडे विस्फोटकी चेतावनी दी, इस मध्य कई लिखितपत्र और साक्ष्योंको भी नष्ट कर दिया गया था ।
“क्या देशके भीतर कोई आतंकी ५ वर्षोंतक छिप सकता है ? क्या यह राज्य शासनके सहयोगके बिना सम्भव है ? यह अवश्य ही सन्देहास्पद है ! अब्दुल मस्जिदमें इमाम था और इससे पूर्व भी कितने ही मस्जिदके इमाम पकडे जा चुके हैं, तदोपरान्त भी हमेंं राष्टट्रकी चिन्ता नहीं है कि कार्यवाही नहीं हो रही ! ऐसा क्यो ? क्या चाहते हैं हम ? क्या तुष्टिकरण राष्ट्रसे बडा है ? इस तुष्टिकरणमें हम राष्ट्रको ही न ले बैठे !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : फर्स्टपोस्ट
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