नवम्बर १२, २०१८
नशीदुल हमजफरको गत दिवसों में बन्दी बनाकर केरल लाया गया है । वह ‘इस्लामिक स्टेट’में सम्मिलित होनेके लिए केरलसे भाग गया था । उसके लैपटॉपमें वर्ष २०१३ में उसके मित्रने कुछ भाषण संरक्षित किए थे । ये वही भाषण थे जिन्होंने उसे इस्लामिल स्टेट खोरासन प्रांतमें (आईएसकेपी) सम्मिलित होनेके लिए प्रेरित किया । केरलमें बन्दी बनानेके पश्चा उससे पूछताछ की गई, जिसमें उसने ‘इस्लामिक स्टेट’के कई रहस्य उजागर किए । इसी वर्ष सितम्बरमें हमजफर ऐसा प्रथम भारतीय बना, जिसे अफगानिस्तानसे निर्वासित किया गया है । वह अवैधानिक रूपसे वहां प्रविष्ट हुआ था । वहां ये ‘आईएसकेपी’से जुडा !
उसका मित्र शिहास उन्हीं २१ पुरुष, महिलाओं और बच्चोंमें सम्मिलित है, जो केरलको छोड ईरानके रास्तेसे अफगानिस्तानमें प्रवेश किए थे । यह लोग २०१६ में केरल छोडकर गए थे और अफगानिस्तानमें ‘आईएस’द्वारा नियन्त्रित स्थानपर गए । माना जाता है कि ये संगठन वर्ष २०१५ में आया, जिसमें ‘तेहरीक ए तालीबान’ भी सम्मिलित है । इस संगठनको पाकिस्तानके गुप्तचर विभाग ‘आईएसआई’द्वारा समर्थन दिया जा रहा है !
हमजफरने बताया कि शिहास ‘आएसकेपी’की समाचार प्रसार माध्यम दलमें कार्य करता है । एक अन्य मित्र अश्फाक हीजराका (प्रवास) संचालक (इंचार्ज) है । एक समाचार विभागके विवरणमें कहा गया है कि हमजफरको अक्तूबर २०१७ में तेहरान पहुंचनेके पश्चात् प्रथम ईरानके इसाफहान ले जाया गया, जहां उसे अज्ञात व्यक्तिने निर्वासन शिविरमें रखा । उससे इसके बदलेमें ४५० डॉलर भी लिए गए !
हमझफरने कहा, “शिविरमें लम्बी पंक्ति लगी थी । उसने अधिकारियोंसे कहा कि वह अफगानी है, इसलिए उसे अफगानिस्तान छोडा जाए । वहां उसका साक्षात्कार लिया गया और बॉयोमीट्रिक्स लिए गए । उसे पाकिस्तानी समझ बलात् पाकिस्तान जाने वाले वाहनमें बैठा दिया गया, जिसके पश्चात् उसने कहा कि वह अफगानी है तो उसे अफगान शिविरमें पहुंचाया गया ।”
उसने बताया कि उसे अफगानिस्तानके निमरूजमें भेजा गया । जहां उसने अपने मित्र अश्फाकसे सम्पर्क किया, जिसके पश्चात् उसने अज्ञात व्यक्ति अबु अलीको वहां भेजा । अली उसे लेकर ही जाता, इतने ही अफगान रक्षा बल आ गए और उसे संरक्षणमें ले लिया ! उसने कई बार झूठ कहा कि वह अफगानी है लेकिन सुरक्षा बलको ज्ञात हो गया कि वह भारतीय है । सुरक्षाकर्मियोंने उसे अश्फाक और शिहासके चित्र दिखाएं, उसने कहा कि वह उसके मित्र हैं । इसके पश्चात् उसे अफगान इंटेलिजेंस जेल भेजा गया, जहां वह ३ माह तक रहा, इसके पश्चात् उसे अमेरिकी कारावा बगराम भेजा गया, यहां उसके बॉयोमीट्रिक्स लिए गए और ३ माह तक रखा गया, जिसके पश्चात् उसे भारत भेजा गया ।
वह जाकिर नाइकके भाषणोंसे प्रभावित था और अपने घर वालोंसे टीवी न देखनेको कहता था । उसने अपनी मां और बहनसे भी कहा था कि वह स्वयंको पूर्ण रूपसे ढककर रखें, जिसके पश्चात् उसके पिताने भी उसे फटकार लगाई । वह महाविद्यालयसे निकाला गया था और वहीं उसकी भेंट शिहाससे हुई थी, जो कि मदिरा और मादक पदार्थोंका आदि था । उसने कहा कि उसके मित्र शिहासमें कई परिवर्तन आने लगे थे, वह दाढी बढाकर रखने लगा, वह धार्मिक बातें करने लगा । हमजफर अपने मित्रोंके साथ जाकिर नाइकद्वारा संचालित कार्यक्रममें भी सम्मिलित हुआ था । उसने कहा कि कार्यक्रममें इस्लाम और ईसाई धर्मके बारेमें बताया गया था, जिसके पश्चात् उसके मित्र बेस्टिन विन्सेंटने इस्लाम अपना लिया । विन्सेंट और उसकी पत्नी मरियम भी वर्ष २०१६ में अफगानिस्तानके लिए रवाना हुए थे ।
उसने आगे बताया कि उसके मित्र शिहासने ‘मैसेज टू केरल’ नामक ‘व्हाट्सएप’ गुट बनाया था, जिसमें वह संदेश भेजा करता था और कहता था कि ९९ प्रतिशत समाचार विभागके विवरण अनुचित हैं । वहां सब ठीक है । इसके पश्चात् उसने उसे ११० पृष्ठकी एक पीडीएफ धारिका (फाइल) भी भेजी, जिसके पश्चात् वह इस्लामिक स्टेटकी ओर आकर्षित हुआ ।
स्रोत : अमर उजाला
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