जनवरी १६, २०१९
पंजाबके जालंधर स्थित ‘मदर जनरल ऑफ मिशनरीज ऑफ जीसस’ने केरल नन दुष्कर्म प्रकरणमें पीडिताका सर्मथन करनेवाली चार ननोंको स्थानान्तरणका नोटिस दिया है । वर्तमानमें चारों नन कोट्टायमके पास कुराविलंगडके कॉन्वेंटमें पीडिता ननके साथ रह रही हैं । बता दें कि गत वर्ष बिशप फ्रैंको मुलक्कलपर केरलकी एक ननने दुष्कर्मका आरोप लगाया था । इसमें पांच नन पीडिताके साथ खडी रही थीं और आरोपी बिशपके विरुद्ध कार्यवाही करनेकी मांगको लेकर हुए प्रदर्शनोंमें भाग लिया था ।
सूचनाके अनुसार, चारमेंसे दो ननोंका स्थानान्तरण बिहारके एक ‘कॉन्वेंट’में किया गया है । वहीं शेष दोको पंजाब और कन्नूर भेजनेका आदेश दिया गया है । वहीं, पांचवीं ननको भी स्थानान्तरण नोटिस दिए जानेकी सम्भावना है । इस मध्य जिन ननोंको स्थानान्तरण नोटिस दिया गया, उन्होंने आदेशको न मानते हुए कुराविलांगडके ‘कॉन्वेंट’में ही रहनेका संकेत दिया है ।
उनमेंसे एक एसआर अनुपमाने कहा, “यह हमारे विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाहीकी भांति है और हम मदर जनरलको उत्तर देनेकी तैयारी कर रहे हैं । स्थानान्तरणके इस आदेशको स्वीकार नहीं करेंगे और कुराविलंगड स्थित कॉन्वेंटमें रहेंगें ।”
उल्लेखनीय दें कि गत वर्ष केरलकी एक ननने बिशप फ्रैंको मुलक्कलपर आरोप लगाया था कि उन्होंने २०१४ से २०१६ के मध्य कई बार उनके साथ दुष्कर्म किया था ।
“विश्वभरमें ईसाई मिशनरियां तथाकथित नारी समानताका ढोंगकर समाजमें अराजकता उत्पन्न करवाती हैं ! केरलमें सबरीमाला प्रकरणपर भी यह समाचार आए थे कि इस आन्दोलनको गिरिजाघरोंका आश्रय प्राप्त है और नारीके लिए इनका आदर इस ननके प्रकरणसे ही स्पष्ट है । विश्वभरसे ननोंसे दुष्कर्मके समाचार आते रहते हैं और विरोध करनेपर उनकी दुर्दशा कर दी जाती है । इससे स्पष्ट है कि तथाकथित पादरी, बिशप दिशाहीन व धर्महीन हैं और जो स्वयं दिशाहीन हो वह अन्योंको कैसे दिशा दिखा सकता है; अतः अवनतिकी ओर तीव्रतासे बढते ये पन्थ लुप्तप्राय होनेकी सीमापर है !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : नभाटा
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