सामान्यत: जलेरी शिवलिंगके साथ जुडी होती है, यदि उसकी प्राणप्रतिष्ठा नहीं हुई हो और उसे यूं ही घर लाकर रखा हो तो जलेरीसे पृथक कर मात्र उसे विसर्जित करें, शास्त्र कहता है कि किसी भी खण्डित विग्रह या मूर्तिकी पूजा एक दिवस भी नहीं करनी चाहिए, किन्तु यदि वह जुडी हो तो उसे शिवलिंगके साथ ही विसर्जित करें और यदि उसकी प्राण प्रतिष्ठा हुई हो तो वह चाहे जुडी हो या न हो उसका विसर्जन करें ! क्योंकि प्राणप्रतिष्ठा किये हुए विग्रहको विभक्त कर विसर्जित करना अनुचित होता है ।
Leave a Reply