दिसम्बर २५, २०१८
कर्नाटकके मुख्यमन्त्री एचडी कुमारस्वामीका एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसे लेकर विवाद हो गया है । इस वीडियोमें कुमारस्वामी अपने दलके नेताकी मृत्युका बदला लेनेके लिए आक्रान्ताओंके प्राण लेनेका आदेश देते हुए सुनाई दे रहे हैं । चलभाषपर हुई इस वार्ताका वीडियो मुद्रण सार्वजनिक होनेपर राज्यकी राजनीतिमें हडकम्प मच गया है । विपक्षी भारतीय जनता पार्टीने मुख्यमन्त्रीके इस रवैयेकी कडी निंदा की है ।
वस्तुतः, कुमारस्वामी विजयपुरा जनटदके भ्रमणपर गए थे. यहां पहुंचनेपर उन्हें गुप्तचर विभागकी ओरसे जनता दल सेकुलर पार्टीके एक नेताकी हत्याके बारेमें अवगत कराया गया । आरोप है कि इस घटनाकी सूचनापर कुमारस्वामीने वरिष्ठ पुलिस अधिकारीको चलभाष किया और उनसे आक्रान्ताओंको क्रूरतासे गोली मारनेका आदेश दिया ।
इस वार्तामें कुमारस्वामी कह रहे हैं, “मैं इस हत्यासे बहुत निराश हूं । वह बहुत अच्छे मानव थें । मैं नहीं जानता कि हत्या किसने की है ?, परन्तु उन्हें गोली मार दो !” कुमारस्वामीने जिस समय यह वक्तव्य दिया, उनके आसपास काफी लोग उपस्थित थे ।
कुमारस्वामीकी यह वार्ता सामने आनेके पश्चात कर्नाटककी राजनीतिमें मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टीने उनके इस ढंग को तानाशाही करार दिया । बीजेपी नेता शोभा करांदलाजेने कहा है कि मुख्यमन्त्रीद्वारा इस प्रकारके आदेश देना अराजकताको दिखाता है ।
कुमारस्वामीने स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि उन्होंने किसीको मारनेका आदेश जारी नहीं किया है । अपना बचाव करते हुए कुमारस्वामीने कहा कि उन्होंने यह बात एक मानव होनेके नाते कही थी, मुख्यमन्त्रीका कोई आदेश जारी नहीं किया था । अपनी इस दलीलको और सशक्त करते हुए कुमारस्वामीने कहा कि वह अपने पार्टी नेताकी मृत्युसे गुस्सेमें थे, इसलिए ऐसी बात कह गए ।
“अपने दलके नेताओंके लिए एक सत्तासीन व्यक्तिके मुखसे ऐसा वक्तव्य सुनकर विचित्र यह लगता है कि जब इनके संरक्षणमें रह रहे नागरिकोंके साथ अन्याय होता है अथवा स्त्रियोंसे दुष्कर्म होता है, तब इनकी क्षात्रवृत्ति क्यों नहीं जागृत होती है ?”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : आजतक
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