जून ९, २०१८
क्या ‘आरजेडी’ मुखिया लालू यादवके दोनों पुत्रोंके मध्य दूरियां बढ रही हैं ? यह प्रश्न तेज प्रताप यादवके एक वक्तव्यके बाद उठा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि दलके भीतर उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही है । उन्होंने कहा कि दलके कुछ नेता दोनों भाइयोंके मध्य दूरियां बढानेका प्रयास कर रहे हैं ।
बिहारमें ‘आरजेडी’ प्रमुख लालू यादवके बडे पुत्र तेजप्रताजके एक ‘ट्वीट’से यह सब सामने आया हैै । शनिवार शाम तेजप्रतापने दलके बडे नेताओंपर कई आक्षेप किए । उन्होंने कहा कि दलमें मेरी कोई नहीं सुनता है । सोचता हूं कि द्वारिका चला जाऊं !
तेजस्वीने राजनीतिसे सन्यास लेनेका संकेत देते हुए कहा, “हमें दलसे सभी असामाजिक तत्वोंको दूर करना होगा । राजेन्द्र पासवान जैसे नेता हमारे लिए बहुत संघर्ष कर रहे हैं । लालूजी, राबडीजी और तेजस्वीसे मेरे कहनेके बाद ही उसे पद मिला ।इसमें इतनी देरी क्यों हुई ?
उन्होंने आगे कहा, “दलके लोग मेरे चलभाषका उत्तर नहीं देते और उनसे ऐसा करनेके लिए दलके वरिष्ठ नेताओंने कहा है । मेरे और भाईके (तेजस्वी) मध्य कोई मतभेद नहीं है । हमें हमारे मध्य मतभेद पैदा करने वाले लोगोंको हटाना होगा । मैं चाहता हूं कि दलके वरिष्ठ नेता उनकी पहचान करें और उन्हें शीघ्र ही बाहर करें !” यद्यपि अपने छोटे भाई तेजस्वीके साथ मतभेद होनेसे साफ मना कर दिया । उन्होंने कहा, ‘‘तेजस्वी मेरे कलेजेका टुकडा है ।’’ इतना ही नहीं, उन्होंने एक ‘वीडियो’ ‘ट्वीट’ कर अपने विरोधियोंपर आक्षेप किया ।
इस प्रकरणपर तेजस्वी यादवकी ओरसे कोई प्रतिक्रिया अभी तक सामने नहीं आई है । ‘आरजेडी’ अध्यक्ष लालू प्रसादने अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी अपने छोटे बेटे तेजस्वी प्रसाद यादवको बनाया है, यही कारण है कि महागठबन्धनकी सरकार बननेके पश्चात तेजस्वीको जहां उपमुख्यमन्त्री बनाया गया था, वहीं तेजप्रतापको स्वास्थ्य मन्त्री बनाया गया था ।
स्रोत : जी न्यूज
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