मई १७, २०१९
राष्ट्रपिता महात्मा गांधीको पाकिस्तानका राष्ट्रपिता बतानेपर भारतीय जनता पार्टीने मध्य प्रदेशके प्रवक्ता और मीडिया विभागके प्रमुख अनिल सौमित्रको सभी पदोंसे निलम्बित कर दिया है और साथ ही उन्हें सात दिनोंके भीतर उत्तर देनेके लिए भी कहा है । सौमित्रने अपने ‘फेसबुक’ लेखमें विवादित टिप्पणी करते हुए कहा था, “महात्मा गांधी राष्ट्रपिता थे; परन्तु पाकिस्तान राष्ट्रके !! भारत राष्ट्रमें तो उनके जैसे कोटि पुत्र हुए, कुछ योग्य तो कुछ अयोग्य ! कांग्रेसने महात्मा गांधीको राष्ट्रपिता बताया । राष्ट्रका कोई पिता नहीं होता, पुत्र होता है । गिरिजाघरमें ‘फादर’ होते हैं, कांग्रेसने उसका हिंदी रुपान्तरणकर पिता कर दिया । सौमित्रने आगे लिखा कि हम गांधीजीके विचारोंको बढानेवाले लोग हैं । संघके स्वयंसेवकके रुपमें हम प्रतिदिन उनका नाम लेते हैं ।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भोपालसे बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा, केन्द्रीय मन्त्री अनन्त हेगडे और सांसद नलीन कतीलने गोडसेको लेकर विवादित वक्तव्य दिया था । इस वक्तव्यसे उपजे विवादपर अमित शाहने कहा कि इसप्रकारके वक्तव्यसे पार्टीका कोई लेना-देना नहीं है । साथ ही उन्होंने अपने ट्विटरसे यह भी कहा कि यद्यपि इन तीनों नेताओंने वक्तव्य वापस लेते हुए क्षमा मांग ली है; परन्तु इसके पश्चात भी पार्टीने इसे गम्भीरतासे लेते हुए तीनों नेताओंको अधिसूचना (नोटिस) भेजकर १० दिनोंके भीतर उत्तर मांगा है । प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदीने भी कडे शब्दोंमें प्रज्ञाके वक्तव्यकी निंदा की है ।
“सौमित्र जीने उचित ही तो कहा है कि राष्ट्रके सभी पुत्र होते हैं; क्योंकि यह मिट्टी हमारी मां है । इस मिट्टीके लिए अनेक वीरोंने इसे मां कहकर अपना रक्त इसमें मिला दिया । अनेक सन्तोंने, यहांतक कि प्रभु श्रीराम, जो अखिल ब्रह्माण्डके स्वामी है, अपने अवतार रुपमें इसे मां ही कहा है तो इस माटीका कोई भी पुत्र महात्मा हो सकता है, सन्त हो सकता है; परन्तु मांका पिता कैसे हो सकता है ?, यह अवश्य ही विचारणीय है ।”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : ऑप इण्डिया
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