जनवरी २, २०१८
मध्य प्रदेशमें किसानोंकी ऋणमुक्तिकी घोषणाके पश्चात भी आत्महत्याका प्रकरण बना हुआ है । छतरपुरके गांव थुराठीमें बुधवार, २ जनवरीको एक किसानके घरमें उसका और दो बच्चोंका शव मिला ! किसानका शव फांसीसे लटका मिला । वहीं आशंका है कि फांसी लगानेसे पूर्व उसने दोनों बच्चोंको विष खिलाकर मार दिया ।
पडोसियोंने जब प्रातःकाल बलरामको नहीं देखा तो घर पहुंचकर द्वार खटखटाया । जब किसीने द्वार नहीं खोला तो उन्होंने पुलिसको सूचना दी । घटनाकी सूचना मिलनेके पश्चात पुलिस पहुंची और द्वार तोड दिया । पुलिसके अनुसार बलराम अहिरवार नामके एक किसानके घरमें उसका और दो बच्चों शव मिला ।
बताया जा रहा है कि किसान साहूकारके धोखे और बैंककी अधिसूचनासे (नोटिससे) उद्विग्न था । पुलिसने प्रथम दृष्ट्या मानसिक तनावके कारण ऐसा पग उठाए जानेकी आशंका प्रकट की है । उल्लेखनीय है कि किसानोंकी और आर्थिक स्थिति और आत्महत्या दीर्घकालसे राज्यमें वृहद प्रकरण है ।
“ऋणमुक्तिकी मनानुसार घोषणाकर किसानोंको ठगनेपर क्या राहुल गांधी व कमलनाथ इस हत्याका दोष अपने सिर लेनेको सज्ज है ? जब घोषणा की है तो उसके होने वाले परिणामसे राजनेता पीछे क्यों हटते हैं ? कृषि व किसानोंकी रक्षा अब केवल हिन्दू राष्ट्रकी स्थापनाद्वारा ही सम्भव है !” – सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : जनसत्ता
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