अरुणाचल प्रदेशसे आया, मध्य प्रदेशके एक गांवमें २२ को बना दिया ईसाई, सबकी करवाई गई ‘घर वापसी’, २ बन्दी और १ ‘फरार’
२५ नवम्बर, २०२१
मध्य प्रदेशके खरगोन जनपदके एक गांवका दृश्यपट कुछ दिनों पूर्व ‘सोशल मीडिया’में सार्वजनिक हुआ था । इस गांवमें जिन २२ लोगोंको धर्मान्तरितकर ईसाई बना दिया गया था, उनकी घर ‘वापसी’ हो गई है । ‘पुलिस’ने दो आरोपितोंको बन्दी बनाया है । एक अन्य ‘फरार’ है । ‘फरार’ आरोपित मारसन लाय अरुणाचल प्रदेशका रहनेवाला है ।
धर्मान्तरणकी यह घटना ३ नवम्बर २०२१ की बताई जा रही है । ‘थाना’ ऊन ‘पुलिस’को रुखडियाद्वारा किए गए परिवादके (शिकायतके) अनुसार, उसके गांव रसगांव मालपुरामें ग्रामीण विजय बडोले, उसकी बुआ मंजुला बडोलेके सहयोगसे अरुणाचल प्रदेशसे आए ईसाई ‘मिशनरी’के मारसन लायने लोगोंका धर्मान्तरण करवाया । वे बच्चोंकी नि:शुल्क पढाई आदिका प्रलोभन दे रहे थे । लोगोंपर पानी छिडककर ‘क्रॉस’ पहनाया ।
खरगोनके ‘पुलिस’ अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरीने बताया कि दो आरोपितों विजय बडोले और उसकी बुआ मंजुलाको बन्दी बना लिया गया है । तीसरे आरोपित मारसन लायको बन्दी बनानेके प्रयास किए जा रहे हैं । सार्वजनिक हुए दृश्यपटकी ‘SP’ ने भी पुष्टि की है । उनके अनुसार, इसमें एक व्यक्ति गांवके २२ लोगोंको ‘बपतिस्मा’ (ईसाई पन्थकी दीक्षाके समय किया जानेवाला एक कार्य) कराते दिखा है ।
‘मीडिया’ विवरणके अनुसार, मारसन लायद्वारा धर्मान्तरित किए गए सभी लोगोंकी पुनः हिन्दू धर्ममें ‘वापसी’ करवा दी गई है । बुधवारको (२४ नवम्बर २०२१) शिवसेना पदाधिकारियोंने पांव धुलवाकर इन लोगोंको हिन्दू धर्ममें लौटाया ।
एक राज्यसे आकर दूसरे राज्यमें धर्मान्तरण करानेवाले इसलिए इतने साहसी हो गए है; क्योंकि जो हिन्दू धर्मान्तरित हो रहे है, उनको स्वयं ही अपने धर्मका ज्ञान नहीं है और न ही इस भ्रष्ट समाजमें किसी प्रकारका धर्म शिक्षण दिया जाता है । इसमें चूक हम सबकी है ! वर्तमान हिन्दुओंको मात्र धनार्जन करना सिखाया जा रहा है, जिस कारण कुछ हिन्दुओंमें (जिनकी संख्यामें तीव्रतासे वृद्धि होती जा रही है) धर्माभिमानका अत्यधिक अभाव देखा जा सकता है । यह सब परिवर्तित हो, इस हेतु अब हिन्दू राष्ट्र ही एक मात्र विकल्प शेष है, जिसके लिए सभीको प्रयासरत रहना चाहिए । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
स्रोत : ऑप इंडिया
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