भारत-नेपाल सीमापर २ दशकमें ४ गुना बढ गई ‘मस्जिदों-मदरसों’की संख्या, खाडीसे वित्तपोषणकी (फंडिंगकी) आशङ्का, गुप्तचर अभिकरण सतर्क


३० अक्टूबर, २०२१
      भारत-नेपाल सीमापर गुप्तचर अभिकरण (एजेंसियां) और ‘पुलिस’ विभाग पूर्ण रूपसे सतर्क है । सीमापर सन्दिग्‍ध गति‍विधियोंके साथ ‘मदरसों’की बढती संख्या और उनके क्रिया-कलापोंपर भी गुप्तचर अभिकरणोंकी दृष्टि है । सीमाके निकट अचानक अस्तित्‍वमें आए इन ‘मदरसों’ और ‘मस्जिदों’की आवश्यकता और उनके आयके स्रोतका पता नहीं होनेसे गुप्तचर अभिकरणोंके कान खडे हो गए हैं । ऐसेमें अब इनकी प्रत्येक प्रकारसे जांच की जा रही है ।
      भारत और नेपालकी सीमासे सटे उत्तर प्रदेशके सिद्धार्थनगर जनपदमें गत २० वर्षोमें ‘मदरसों’की संख्यामें ४ गुना वृद्धि हुई है । अधिकतर ‘मदरसे’ भारत-नेपालके सीमावर्ती क्षेत्रोंमें खुले हैं । वर्तमान समयमें सिद्धार्थनगर जनपदमें ५९७ ‘मदरसे’ संचालित हैं, जिनमें ४५२ पंजीकृत हैं और १४५ ‘मदरसों’का कोई अभिलेख (रिकॉर्ड) नहीं है । गुप्तचर अभिकरण यह पता लगानेकी प्रयास कर रहा हैं कि बिना अभिलेखवाले ‘मदरसे’ कैसे चल रहे हैं ?  इनका वित्तपोषण कहांसे हो रहा है ? कुछ ‘मदरसों’का वित्तपोषण दुबई और खाडीके देशोंसे होनेकी आशङ्का जताई जा रही है । वर्ष १९९० तक जनपदमें कुल १६ मान्यता प्राप्त ‘मदरसे’ थे । वर्ष २००० में इन ‘मदरसों’की संख्या बढकर १४७ हो गई, जिनमें मान्यता प्राप्त ‘मदरसों’की संख्या ४५ थी ।
       दुबई और खाडी देशोंसे षड्यन्त्रके अन्तर्गत, भारत-नेपाल सीमापर मुसलमानोंकी संख्यामें वृद्धि हेतु वित्तपोषण (फंडिंग) हो रहा है और निश्चित रूपसे इसमें पाकिस्तान जैसे आतङ्की देशका हाथ है । ऐसेमें केन्द्र शासनको कठोर कार्यवाही करनी चाहिए, जिससे समय रहते इस षड्यन्त्रका समूल नाश किया जा सके । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
 
 
स्रोत : ऑप इंडिया


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सम्बन्धित लेख


सूचना: समाचार / आलेखमें उद्धृत स्रोत यूआरऍल केवल समाचार / लेख प्रकाशित होनेकी तारीखपर वैध हो सकता है। उनमेंसे ज्यादातर एक दिनसे कुछ महीने पश्चात अमान्य हो सकते हैं जब कोई URL काम करनेमें विफल रहता है, तो आप स्रोत वेबसाइटके शीर्ष स्तरपर जा सकते हैं और समाचार / लेखकी खोज कर सकते हैं।

अस्वीकरण: प्रकाशित समाचार / लेख विभिन्न स्रोतोंसे एकत्र किए जाते हैं और समाचार / आलेखकी जिम्मेदारी स्रोतपर ही निर्भर होते हैं। वैदिक उपासना पीठ या इसकी वेबसाइट किसी भी तरहसे जुड़ी नहीं है और न ही यहां प्रस्तुत समाचार / लेख सामग्रीके लिए जिम्मेदार है। इस लेखमें व्यक्त राय लेखक लेखकोंकी राय है लेखकद्वारा दी गई सूचना, तथ्यों या राय, वैदिक उपासना पीठके विचारोंको प्रतिबिंबित नहीं करती है, इसके लिए वैदिक उपासना पीठ जिम्मेदार या उत्तरदायी नहीं है। लेखक इस लेखमें किसी भी जानकारीकी सटीकता, पूर्णता, उपयुक्तता और वैधताके लिए उत्तरदायी है।

विडियो

© 2021. Vedic Upasna. All rights reserved. Origin IT Solution