चंपारणके ‘मदरसे’से देशविरोधी षड्यन्त्र, ‘NIA’ने ‘मौलवी’को ‘दबोचा’


२३ जुलाई, २०२२
       बिहारके पटनामें कुछ समय पूर्व ही ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI)’के कुछ सन्दिग्ध आतङ्कियोंको बन्दी बनाया है । इसके पश्चातसे बिहारकी ‘पुलिस’ व राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) सक्रिय है । ‘NIA’ अपनी ओरसे निरन्तर जांच कर रही है ।
      इसी शृंखलामें मंगलवारको (१९ जुलाई २०२२ को) पटनासे ढाका पहुंचे ‘एनआईए’के दलने पचपकडी मार्ग स्थित जामिया मारिया मिसवा ‘मदरसा’से ‘मौलवी’ मुफ्ती असगर अलीको बन्दी बना लिया । साथ ही दो अन्य लोगोंको अभिरक्षामें (हिरासतमें) लिया ।
      असगर अली पलनवा ‘थाना’के सिसवनिया गाद गांवका रहनेवाला है और जामिया मारिया मिसवा ‘मदरसा’में बच्चोंको शिक्षा देनेका कार्य करता था । बताया जा रहा है कि प्राथमिकीमें अलीका नाम भी है । ‘पुलिस’ उसके घरपर भी ‘दबिश’ देने पहुंची थी, जहां पांच ‘बोरे’में ‘उर्दू’की पुस्तकें मिली हैं । ये पुस्तकें आपत्तिजनक बताई जा रही हैं, जिनकी आगे जांचकी जाएगी । ‘मौलाना’पर देश विरोधी गतिविधियोंमें सम्मिलित होनेका सन्देह है ।
     इसी प्रकरणमें बिहार ‘पुलिस’की फुलवारी शरीफ कार्यालयमें ‘छापेमारी’के मध्य ‘पुलिस’को आपत्तिजनक अभिलेख (दस्तावेज) मिले थे, जिनमेंसे एकका शीर्षक था, ‘२०४७ इंडिया टुवर्ड्स रूल ऑफ इस्लामिक इंडिया’ ।
      प्रधानमन्त्री मोदीके पटना ‘दौरे’से १५ दिन पूर्वसे ही इन आतङ्कियोंको फुलवारी शरीफमें प्रशिक्षण दिया जा रहा था । प्रधानमन्त्री मोदीको मारनेके षड्यन्त्रको लेकर उन्होंने ६ और ७ जुलाईको बैठकें कीं । यद्यपि, बिहार ‘पुलिस’का कहना है कि प्रधानमन्त्री मोदीको भय नहीं था ।
       ‘मदरसे’ आतङ्कवादका पर्याय बन चुके है । केन्द्र शासनको सभी ‘मदरसों’को शीघ्र ही बन्द कर विद्यालयोंमें परिवर्तित करनेका आदेश देना चाहिए; अन्यथा आगामी समय विनाशकारी होगा । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
 
 
स्रोत : ऑप इंडिया


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