बलपूर्वक धर्मान्तरण व लव जिहादमें सहायता करनेपर मदरसों व गिरजाघरोंसे ली जाएगी भूमि व निरस्त होगा आर्थिक अनुदान


११ दिसम्बर, २०२०

मध्य प्रदेशमें शिवराज शासन बलपूर्वक धर्मान्तरण व लव जिहादपर अंकुश लगाने हेतु एक विशेष विधेयक पारित कराने जा रहा है । ‘धर्म स्वतन्त्रता विधेयक’ नामक इस विधानमें कठोर प्रावधान सम्मिलित किए हैं । अब गिरजाघर, मदरसे व विद्यालय भी इस विधानके भीतर आएंगे । इसके अनुसार यदि धार्मिक सङ्गठन लव जिहाद व बलपूर्वक धर्मान्तरणकी प्रक्रियामें सम्मिलित होते पाए जाते हैं तो उन्हें शासनद्वारा दी जानेवाली समस्त सुविधाओंको उनसे वापिस ले लिया जाएगा तथा आर्थिक अनुदान निरस्त कर भूमि भी वापस ली जाएगी । यह विधेयक दिसम्बर माहके अन्तिम सप्ताहतक विधानसभामें पारित किया जाएगा । ऐसा देखा गया है कि लव जिहाद व बलपूर्वक धर्म परिवर्तनके प्रकरणोंमें धार्मिक सङ्गठनोंकी भूमिका ही समक्ष आती है तथा यह सङ्गठन दोनों प्रक्रियाओंको अपने धर्मके प्रचारसे जोडकर देखते हैं । शासनका मानना है कि विधेयकमें सम्मिलित किए गए प्रावधानोंसे इन धार्मिक सङ्गठनोंकी भूमिका अब निर्धारित होगी तथा न्यायिक कार्यवाहीके भयसे यह ऐसी गतिविधियोंको प्रोत्साहित भी नहीं करेंगे । धर्मान्तरण हेतु किए गए विवाहभी अब प्रदेशमें अमान्य होंगे । विधानके अन्तर्गत इसके उल्लङ्घनपर १० वर्षोंका कारावास व एक लक्ष (लाख) रुपएका आर्थिक दण्ड दिया जा सकता है । वहीं अधिक सङ्ख्यामें लोगोंका धर्म परिवर्तन कराते पाए जानेपर ५ से १० वर्षोंके कारावासका भी प्रावधान है । प्रदेशमें धर्म परिवर्तन कराना है तो उस सम्बन।धित व्यक्तिको एक माह पूर्व जिलाअधिकारीके समक्ष घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होगा । मुख्यमन्त्रीने अपना वक्तव्य देते हुए यह भी कहा कि विधेयक प्रदेशमें ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ अभियानका ही भाग है । उनके अनुसार अल्पायुकी युवतियोंको षड्यन्त्रकेद्वारा सरलतासे लक्ष्य बनाया जाता है तथा उनके जीवनको नरकीय बना दिया जाता है । वही इस प्रकरण पर ‘प्रोटेम स्पीकर’ रामेश्वर शर्माने कहा कि लव जिहाद दो समुदायोंके मध्य शान्ति व्यवस्थाको भङ्ग करते हुए पाकिस्तान प्रायोजित कट्टरताको प्रोत्साहन करता है; अतः ऐसे विधेयकका लागू होना अब आवश्यक है ।

          मध्य प्रदेश शासनद्वारा उठाए जा रहे यह प्रयास सराहनीय है और यह प्रयासशिवराज चौहानजीद्वारा किए जा रहे हैं तो हिन्दू आशा करते हैं कि ये अवश्य ही धरातलपर भी सफल होंगे और अन्य राज्य भी इससे सीख लेंगे और जहां शासकगण इसे पारित नहीं करते हैं, वहां हिन्दू उनपर दबाव बनाएं ! – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ

स्रोत : ऑप इंडिया



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