नवम्बर १३, २०१८
अंग्रेज लुटेरोंसे लोहा लेने वाले पंजाबके अन्तिम शासक महाराजा रणजीत सिंहकी २३८वीं जयन्तीपर उनके वंशजोंने ब्रिटेनसे कोहिनूर हीरेकी देश वापसी तथा महाराजा दलीप सिंहकी अस्थियोंको स्वदेश लानेके लिए वैधानिक लडाई लडनेका संकल्प किया । शाही परिवारके सदस्योंने आज उनकी स्मृतिमें गुरूद्वारा सारागढीमें पाठ कराया । उन्होंने एकजुट होकर कोहिनूर हीरेकी वापसी तथा महाराजा दलीप सिंहकी अस्थियोंको स्वदेश लाकर उनका सिख मर्यादाके अनुसार अंतिम संस्कार कराने तथा उनके परिवारको शाही परिवारका स्थान देनेकी लडाई लडनेकी बात कही ।
समागमका आयोजन महाराजाकी छठीं पीढीके डा. जसविंदर, डा. हरविंदर सिंहकी अध्यक्षतामें किया गया । उन्होंने कहा कि अब उनका पूरा परिवार एकजुट हो गया है और ब्रिटेनमें पडे कोहिनूर हीरेकी देश वापसी, महाराजा दलीप सिंहकी अस्थियोंको यहां लाकर सिख मर्यादाके अनुसार संस्कार करने तथा उनके परिवारको शाही परिवारका स्थान देनेकी लडाई लडी जाएगी । इन लोगोंका कहना है कि हीरेकी वापसीका प्रकरण सिरे नहीं चढा ।
इसी प्रकारसे महाराजा दिलीप सिंहकी अस्थियोंकी वापसीका भी प्रकरण कई बार उठा, लेकिन इसमें भी सफतला नहीं मिली । शाही परिवारसे सम्बन्धित दिल्ली उच्च न्यायालयके अधिवक्ता संदीप सिंहने बताया कि इन दोनों प्रकरणके सन्दर्भमें वे न्यायालयमें प्रविष्ट करने जा रहे हैं । आशा है कि इसमें सरकारें उनकी सहायता करेंगी ।
“अंग्रेजों व मुगलोंको धूल चटाने वाले शेर-ए-हिन्द महाराजा रणजीत सिंहके कार्योंका सम्मान करते हुए, भारतीय शासन गोरोंद्वारा लूटे गए कोहिनूर हीरेको वापस लाए, ऐसी सभी हिन्दुवादियोंकी मांग है”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : पंजाब केसरी
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