महाराष्ट्रके भिवंडीमें पुनः ४० अवैध बांग्लादेशी बनाए गए बन्दी, आरोपियोंसे छद्म आधार, ‘पैन’ व पारपत्र (पासपोर्ट) हुए प्राप्त


०२ दिसम्बर, २०२१
            महाराष्ट्रके ठाणे जनपदके भिवंडीमें ‘पुलिस’ने बडी कार्यवाही करते हुए अवैध रूपसे रह रहे ४० बांग्लादेशी नागरिकोंको बन्दी बनाया है । देशमें अवैध रूपसे प्रविष्ट हुए यह बांग्लादेशी ‘दिहाडी’ श्रमिकका कार्य कर रहे थे । इन सभी व्यक्तियोंके विरुद्ध प्रकरण प्रविष्ट कर लिया गया है । भिवंडीके ‘डीसीपी’ योगेश चव्हाणने संवाददाताओंसें अपना वक्तव्य साझा करते हुए बताया कि यह लोग बांग्लादेशसे अवैध रूपसे छद्म प्रमाणपत्र बनवाकर भारत आए थे व भिवंडी जनपद एवं उसके बाहरी क्षेत्रोंमें विभिन्न ‘कम्पनियों’में कार्यरत थे । उन्होंनेे यह भी बताया कि बन्दी बनाए गए बांग्लादेशियों नागरिकोंमें से एकके पास छद्म पारपत्र भी प्राप्त हुआ है एवं अन्य लगभग ९० प्रतिशत लोगोंने यहांका आधार व ‘पैन कार्ड’ भी बनवा लिया था । वहीं ‘पुलिस’ने इनके पाससे २८ भ्रमणभाष भी प्राप्त किए हैं, जिनका मूल्य लगभग ९४००० बताया जा रहा है । ‘मीडिया’ प्रतिवेदनके अनुसार, ‘पुलिस’ने जनपद व उसके निकटवर्ती क्षेत्रोंमें छापेमारीकर, २० लोगोंको शान्ति नगरसे, १० को भिवंडी जनपदसे एवं १० को नारपोली ‘पुलिस’ ‘थाना’ क्षेत्रसे बन्दी बनाया है । ‘पुलिस’के अनुसार, यह लोग बांग्लादेशमें अपने परिचितों और कथित रूपसे सीमा पार करानेमें उनकी सहायता करनेवाले लोगोंके साथ सम्पर्क करनेके लिए ‘आईएमओ वीडियो एप’का प्रयोग करते हैं । उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व, गत २० नवम्बरको भी भिवंडीमें ९ बांग्लादेशी नागरिकोंको बिना किसी वैध प्रमाणपत्रके बन्दी बनाया गया था ।
       समाचार स्पष्ट करता है कि किस प्रकार अवैध रूपसे बांग्लादेशी नागरिकोंको बंगालकेद्वारा सरलतासे भारतमें प्रवेश दिया जा रहा है । वहीं केन्द्र शासनको सीमापर सैन्यबलमें वृद्धिकर योग्य कार्यवाही हेतु सिद्ध होना चाहिए । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
 
 
स्रोत : ऑप इंडिया


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