महाराष्ट्रमें ‘कोरोना’की आडमें अवैध धनार्जन, घर लौट रहे प्रवासी श्रमिकोंसे ‘वसूली’ कर रही पुलिस


१६ अप्रैल, २०२१
     महाराष्ट्रमें ‘कोरोना’की दूसरी लहरसे उत्पन्न हुए सङ्कटका लाभ उठाकर अनैतिक अर्थोपार्जन करनेके निरन्तर प्रकरण सामने आ रहे हैं । घर लौट रहे प्रवासी श्रमिकोंने महाराष्ट्र पुलिसपर बलपूर्वक उगाहीका आरोप लगाया है । राज्यमें १५ दिनोंकी गृहबन्दी लगाए जानेके कारण श्रमिक अपने घरोंको जानेके लिए विवश हैं । गत वर्षके समान इस वर्ष भी पुलिस प्रवासी श्रमिकोंसे बलपूर्वक उगाही कर रही है ।  मंगलवार १३ अप्रैलको महाराष्ट्रके उद्धव ठाकरे शासनने राज्यमें ‘कोरोना वायरस’के बढते सङ्क्रमणको रोकनेके लिए ‘धारा १४४’ लगानेका आदेश दे दिया । इसके पश्चात ये श्रमिक महाराष्ट्र छोडकर अपने राज्योंकी ओर जाने लगे । इससे पहले यह समाचार आया था कि मुम्बईमें कई ‘टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटर’ लोगोंको ३०० रुपए में ‘कोविड १९’की ‘नेगेटिव रिपोर्ट’ दे रहे हैं । कई राज्योंने महाराष्ट्रसे लौटनेवालोंके लिए ‘कोविड-१९’ ‘आरटीपीसीआर’की ‘नैगेटिव रिपोर्ट’ अनिवार्य कर दी है । लोगोंकी इसी विवशताका लाभ उठाकर ‘टूर एंड ट्रैवल्स’वालोंने नूतन ‘धन्धा’ आरम्भ किया है । यहां वे यात्रियोंको ३०० रुपएमें ‘कोरोना’की ‘नैगेटिव रिपोर्ट’ उपलब्ध कराते हैं, वो भी बिना परीक्षणके ।
     यह बात भी सामने आ चुकी है कि ‘बीएमसी’के अधिकारी ‘मुम्बई इंटरनेशनल एयरपोर्ट’पर बाहरी देशोंसे आए लोगोंको ७ दिनके अनिवार्य ‘क्वारंटाइन’में रखनेके स्थानपर उनसे १०-१२ सहस्र रुपए लेकर उन्हें विमानतलसे निकलनेमें सहायता कर रहे हैं । ‘मिड-डे’ने उजागर  किया था कि विमानतलपर ‘बीएमसी’ अधिकारियोंको इसलिए नियुक्त किया गया कि वो ‘कोरोना’से सबसे अधिक प्रभावित देश जैसे, ब्रिटेन, यूरोप, मिडिल ईस्ट और साउथ अफ्रीकासे आए यात्रियोंका ७ दिनका ‘क्वारंटाइन’ सुनिश्चित करें; परन्तु अधिकारी उनसे पैसोंकी लेन-देनकर उन्हें छोड रहे हैं ।
    महाराष्ट्र शासनमें जिस प्रकारके उगाही करवानेवाले राजनेता, पुलिस व शासकीय तन्त्र है, वहां इसी प्रकारके अवैध कार्य व कुकृत्य ही हो सकते हैं । समाजको अब यह विचार करना होगा कि भविष्यमें दुर्बल व विवश लोगोंको इस रक्तपिपासु तन्त्रसे बचानेके लिए हिन्दू राष्ट्रका निर्माण आवश्यक है; क्योंकि हिन्दू राष्ट्रमें राष्ट्राध्यक्ष धर्मका पालन करनेवाला होगा; अतः राष्ट्रवादियो, हिन्दू राष्ट्रकी स्थापना हो, ऐसे प्रयास उच्च स्तरसे करने होंगे । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
 
 
स्रोत : ऑप इंडिया


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