फरवरी १७, २०१९
मल्लिका दुआ अपने एक विवादास्पद वक्तव्यके कारण चर्चामें आ गई हैं । पुलवामा आक्रमणपर मल्लिकाने सामाजिक प्रसार माध्यमपर एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि लोग सैनिकोंके लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, रैली निकाल रहे हैं; परन्तु इससे अन्तर क्या पडेगा ?
देशमें कई लोग भूखमरी-रोगोंसे मरते हैं; परन्तु क्या कोई परिवर्तन आता है ? देश तो यूं ही चलता रहता है । यहांके नेता और लोग साधारण जीवन ही जीते हैं, कहीं कोई विशेष परिवर्तन नहीं आता । ऐसा केवल हमारे देशमें नहीं होता, पूरे विश्वमें लोग मरते हैं, तब क्या आप अपना जीवन रोक देते हैं ?, क्या हमारा काम केवल शोक मनाना ही है ?, तो फिर हम ये शोक किस लिए मना रहे हैं ?
इसके पश्चात लोग उन्हें खरी-खोटी सुनाए जा रहे हैं ।
“कहते हैं बालकोंको संस्कार माता-पितासे मिलते हैं । वामपन्थी पत्रकार विनोद दुआजीकी सुपुत्रीसे ऐसे वक्तव्य सुनर अचम्भित नहीं लग रहा है; अचम्भित केवल यह कर रहा है कि ये लोग इस राष्ट्रमें आश्रय कैसे पा रहे हैं ? इससे ही बोध होता है कि भारतने कैसे-कैसे द्रोहियोंको आश्रय दिया हुआ है !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : लाइव हिन्दुस्तान
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