शवोंपर राजनीति करते हुए ममताके धमकी भरे श्रव्य-वार्तालापको किया गया प्रसारित


१८ अप्रैल, २०२१
     बंगालकी मुख्यमन्त्री ममता बनर्जीके वार्तालापका एक ‘ऑडियो’ प्रसारित किया गया है, जिसमें उन्होंने ‘सीआरपीएफ’के सुरक्षाकर्मियोंको बन्दी बनानेकी योजना बनाई थी । पत्रकार पायल मेहताने यह ‘ऑडियो’ ‘ट्विटर’पर उजागर कर दिया है, जिसमें ममता बनर्जीने अपने ‘टीएमसी’के एक नेता पार्थो प्रतीक रॉयको परामर्श दिया है कि उन चारों उपद्रवियोंके शवोंको जनसमूहमें प्रदर्शितकर, लोगोंसे संवेदना प्राप्त की जा सके, जिससे चुनावमें विजयी होने हेतु मत प्राप्त किए जा सकें । उन चारों उपद्रवियोंको सुरक्षाबलोंने गोली मारकर तब मार गिराया, जब सुरक्षा बलोंसे उनके शस्त्र छीननेके लिए लगभग तीन सौ ममतावादी हिंसक उपद्रवियोंने उनपर आक्रमण कर दिया था । आत्मरक्षाके लिए तब उनपर गोलियां चलानी पडीं, जिससे ममता शासनके चार जिहादी मारे गए; किन्तु ममताने सुरक्षाकर्मियोंपर दोष लगानेका झूठा प्रयास किया कि उन्होंने मतदान करने आए हुए, पंक्तिमें खडे लोगोंपर गोली चलाई थी । ममताने अपने नेता पार्थोको स्वयं प्राथमिकी प्रविष्ट करानेके स्थानपर, उपद्रवियोंके परिजनद्वारा अभिवक्ताओंके माध्यमसे प्राथमिकी प्रविष्ट करानेकी मन्त्रणा दी, जिससे सुरक्षाबलोंको कठोरतम दण्ड दिया जा सके ।
     उग्रवादी मृतकोंके शवोंको जनसमारोहमें घसीटकर संवेदना प्राप्तिकी मंशासे हिंसात्मक कार्यवाही करनेवाली ममताका भण्डाफोड हो चुका है । जिस प्रकार ममता बनर्जी बंगालमें ‘इस्लामी स्टे्ट’ बनानेके विचारसे उग्ररूपी चक्रव्यूह बनानेका प्रयास कर रही हैं, उससे यह स्पष्ट हो जाता है कि वह अखण्ड भारतका विभाजन करनेपर लगी हैं । ऐसे लोग सत्ता नहीं, वरन दण्डके योग्य हैं । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
 
 
स्रोत : ऑप इंडिया


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