जनवरी ३, २०१९
चिटफंड घोटालाकी जांच कर रहे ‘सीबीआई’का एक दल कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमारके आवासपर पहुंचा । ‘सीबीआई’ अधिकारियोंको कोलकाता पुलिस आयुक्तके आवासके बाहर रोका गया । समाचार विभाग ‘एएनआई’के अनुसार कोलकाता पुलिस आयुक्तके आवासके बाहरसे सीबीआईके पांच अधिकारियोंको बन्दी बनाया गया है ।
‘सीबीआई’को अभी पुलिस स्टेशनमें रखा गया । इस मध्य पश्चिम बंगालकी मुख्यमन्त्री ममता बनर्जी कोलकाताके पुलिस आयुक्तके आवासपर पहुंचीं । वहीं कोलकातामें सीबीआई मुख्यालयके बाहर पुलिस एकत्र हुई ।
उल्लेखनीय है कि ‘केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो’ने शनिवार, २ फरवरीको दावा किया कि राजीव कुमार भागे हुए हैं और शारदा एवं रोज वैली पोंजी भ्रष्टाचारके प्रकरणमें उनकी खोज की जा रही है ।
कोलकाता पुलिसकी ओरसे जारी वक्तव्यमें ‘सीबीआई’के दावोंको ‘आधारहीन’ बताते हुए इसे नकार दिया गया है । वक्तव्यके अनुसार, ”यह सब आधारहीन समाचार हैं । कृपया ध्यान दें कि पुलिस आयुक्त कोलकाता न केवल नगरमें हैं वरन बृहस्पतिवार, ३१ जनवरीको छोडकर वह नियमित रूपसे कार्यालय भी आ रहे हैं, उस दिवस वह अवकाशपर थे ।
इसमें बिना उचित पुष्टिके इसप्रकारके भ्रामक समाचार प्रसारित करनेके लिए वैधानिक कार्यवाहीकी चेतावनी दी गई है । वक्तव्यके अनुसार, ”सभी सम्बन्धित लोग कृपया इस बातपर ध्यान दें कि यदि बिना उचित पुष्टिके इसप्रकारके समाचार फैलाए गए तो कोलकाता पुलिस आयुक्त कोलकाता और कोलकाता पुलिस दोनोंको अपमानित करनेके लिए कडी वैधानिक कार्यवाही आरम्भ करेगी ।
इससे पूर्व ममता बनर्जीने ‘रोज वैली और शारदा पोंजी’ भ्रष्टाचारमें कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमारके प्रति रविवार, ३ जनवरीको अपना समर्थन प्रकट किया था । उन्होंने भाजपा नेतृत्वपर बदलेकी भावनावाली राजनीति करनेका आरोप लगाया ।
मुख्यमन्त्रीने आरोप लगाया कि भगवा पार्टी पुलिस और अन्य संस्थानोंको नियन्त्रणमें लेनेके लिए सत्ताका अनुचित ढंगसे दुरूपयोग कर रही है । बनर्जीने ट्वीट किया, ”भाजपा नेतृत्वका शीर्ष स्तर राजनीतिक कुठाराघातकी ओछी भावनासे कार्य कर रहा है ।”
केन्द्रीय जांच विभागके अधिकारियोंने बताया कि आईपीएस अधिकारीने इनकी जांच कर रहे पश्चिम बंगाल पुलिसके विशेष जांच दलका नेतृत्व किया था और वह विभागके समक्ष प्रस्तुत होनेके लिए भेजी अधिसूचनाका उत्तर नहीं दे रहे हैं । बनर्जीने आरोप लगाया कि भाजपा कुमारके बारेमें भ्रामकता फैला रही है ।
अब माना जा रहा कि सीबीआई ममता बनर्जीके इस कृत्यपर राज्यपालसे याचिका लगा सकती है । सीबीआईके सूत्रोंका कहना है कि उन्हें अनुमान है कि कमिश्नरके घर आवश्यक लिखितपत्रोंको नष्ट किया जा सकता है । इसके अतिरिक्त सीबीआईके अन्तरिम संचालक नागेश्वर रावने कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगालके डीजीपीको पत्र लिख पुलिस कमिश्नरसे पूछताछके बारेमें बता दिया था; इसलिए ये कहना कि ये कार्यवाही ठीक नहीं, ये पूर्णतया अनुचित है । उन्होंने कहा कि सीबीआई इस प्रकरणपर उच्चतम न्यायालय जाएगी ।
“इतिहासमें ऐसा प्रथम बार हुआ है, जब किसी केन्द्रीय जांच विभागको राज्यने ऐसा रोककर बन्दी बना लिया हो ! कल ही प्रधानमन्त्रीने भाषणमें कहा था कि मुख्यमन्त्रीके रूपमें उनसे कई बार पूछताछ की गई; परन्तु वे कभी पीछे नहीं हटे तो ममता बैनर्जी क्यों पीछे भाग रही हैं ? तो प्रधानमन्त्रीको दिन और रात लोकतन्त्र विरूद्ध बताकर कोसनेवाली मुख्यमन्त्री अब स्वयं लोकतन्त्रकी हत्या कर रही हैं ! कुछ दिवस पूर्व ही इन तथाकथित लोकतन्त्रवादियोंका समूह, जिसे महागठबन्धन कहते हैं, एकत्र हुआ और आपातकालकी घोषणा की थी । कोलकातामें केन्द्रीय अधिकारियोंको बन्दी बनाकर दुर्व्यवहार किया गया लो भी अपनी चोरी छिपानेके लिए तो यह क्या है ? केन्द्र ऐसे राष्ट्रद्रोहियोंके विरुद्घ कडीसे कडी कार्यवाही करें ! ”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : नभाटा
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