उत्तरप्रदेशमें युवकको स्वप्नमें दिखे राम तो धर्म परिवर्तन कर परिवर्तित कर लिया नाम


नवम्बर २, २०१८

उत्तर प्रदेशके शामलीमें धर्मपरिवर्तनका एक विचित्र प्रकरण सामने आया है । गुरुवार, १ नवम्बरको जिलाधिकारीके पास पहुंचे एक व्यक्तिने कहा कि उसे स्वप्नमें कई दिवसोंसे भगवान राम दिखाई दे रहे हैं, इसलिए उसने धर्मपरिवर्तन कर अपना नाम शहजाद राणासे संजू राणा रख लिया है । साथ ही छह वर्षके पुत्रका भी धर्मपरिवर्तन करा दिया है । इसके लिए उसने डीएमसे भी अनुमति मांगी । डीएमने कहा कि इसमें कोई अनुमतिकी आवश्यकता नहीं है । यह व्यक्तिकी स्वेच्छापर निर्भर करता है । यद्यपि, व्यक्तिने बताया कि अभी उसकी पत्नी और बडा पुत्र धर्मपरिवर्तनके लिए सहमत नहीं है, परन्तु मैं उन्हें मना रहा हूं ।

हरेंद्र नगर निवासी शहजाद राणा पुत्र गफ्फार अली राणाका ट्रांसपोर्टरका कार्य है । शहजाद अपने छह वर्षके पुत्र सुमेरके साथ दोपहर पश्चात् कलक्ट्रेटमें पहुंचे । वह अधिवक्ता सतेंद्र धीरयानके साथ डीएम इंद्र विक्रम सिंहसे मिले ।

शहजाद राणाने डीएमको प्रार्थना पत्र देते हुए कहा कि दशकों पूर्व उसके पूर्वज हिन्दू धर्मको त्यागकर मुस्लिम धर्ममें परिवर्तित हो गए थे, लेकिन उसकी आस्था हिन्दू धर्ममें है; इसलिए प्रार्थी अपने पुत्र सुमेर राणाके साथ बिना किसी दबावके इस्लाम धर्मको त्याग कर पुन: हिन्दू धर्ममें वापसी करना चाहता है; इसलिए उसने अपना नाम शहजाद राणासे परिवर्तित कर संजू राणा और पुत्रका नाम सुमेर राणासे परिवर्तित कर शेखर राणा रख लिया है, उसे इसकी अनुमति दी जाए । डीएम इंद्र विक्रम सिंहका कहना था कि इसपर वह कुछ नहीं कह सकते । धर्म आस्था व्यक्तिका स्वेच्छिक अधिकार है ।

इसके पश्चात् उसने कलक्ट्रेट परिसरमें ही स्थित मंदिरमें पहुंचकर पूजा-अर्चना की । संजू राणाने (परिवर्तित नाम) बताया कि उसे कई दिवसोंसे भगवान श्रीराम रातको स्वप्नमें दिख रहे थे; इसलिए वह धर्म परिवर्तन कर रहा है । उसका कहना है कि अभी कुछ लोग विरोध कर रहे हैं, लेकिन पुलिसने सुरक्षाका विश्वास दिलाया है । संजू राणाने बताया कि कुछ लोग उसके घर आए थे, उन्होंने धर्म परिवर्तनपर विरोध प्रकट किया, लेकिन उन्हें अपने दृढ निर्णयसे अवगत कराते हुए वापस भेज दिया ।

“प्रकृतिकी कोई भी रचनाको कितना भी विकृत करें, वह स्वतः ही अथवा विनाशके पश्चात् अपने मूल गुण व रूपमें वापस आ जाती है । उसी प्रकार मानव मस्तिष्क व स्वभाव है, दशकों पूर्व भारतमें छल, बल, हिंसा, भयसे कोटि हिन्दुओंका धर्म परिवर्तन किया गया, परन्तु अपने स्वभाव अनुसार सभी अपने मूलकी ओर लौट रहे हैं, यह परिवर्तन स्वागत योग्य है”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : लाइव हिन्दुस्तान



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